आम्रपाली के बायर्स बोले, खून-पसीने की कमाई से बिल्डर ने खरीदी लग्जरी गाड़ियां

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 12:29 PM (IST)

बिजनैस डेस्कः आम्रपाली के हाथ से उनका ग्रेटर नोएडा स्थित 100 बेड का अस्पताल निकलने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इसे अटैच करने का आदेश दिया है। इसे बेचकर फ्लैट निर्माण के लिए फंड जुटाया जाएगा। बायर्स का कहना है कि उनके खून-पसीने की कमाई से बिल्डर ने लग्जरी गाड़ियां खरीदीं और अस्पताल, क्लब व दूसरे धंधों में पैसा खपा दिया। इसकी वसूली होनी चाहिए। आम्रपाली के बायर केके कौशल का आरोप है कि उनके पैसे से फ्लैट बनाने के बजाय अस्पताल बना दिया गया। इसे बेचा जाना चाहिए। इससे मिले पैसों से उनके घर जल्द तैयार किए जाएं।

कोर्ट ने आम्रपाली से तीन हफ्ते के अंदर उनकी सभी 86 लग्जरी गाड़ियों के साथ-साथ ग्रुप की सभी कंपनियों के बीच ट्रांजेक्शन की सारी जानकारी देने को कहा है। 100 बेड का यह अस्पताल शहर के बीच ओमेगा-1 सेक्टर में प्राइम लोकेशन पर बना हुआ है। इससे सटे दो अन्य अस्पताल हैं और साथ ही यमुना अथॉरिटी का दफ्तर भी है। इसी से सटी हुई सेक्टर की मार्केट है। यह मुख्य सड़क के किनारे है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप के ग्रेटर नोएडा स्थित हॉस्पिटल सहित अन्य प्रॉपर्टी को अटैच करने का आदेश दिया है। 

पहला भी हो चुका है विवाद
सेक्टर-62 स्थित आम्रपाली का कॉर्पोरेट टावर का मामला पहले भी विवादों में रह चुका है। इसे नोएडा अथॉरिटी अगस्त 2017 सीज करने की कार्रवाई कर चुकी है। कॉर्पोरेशन बैंक की ओर से नीलामी करने की घोषणा की वजह से अथॉरिटी ने यह कार्रवाई की थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आम्रपापी ग्रुप की जिन प्रॉपर्टी को नीलाम करने की बात कही गई है उनमें सेक्टर-62 स्थित आम्रपाली का कार्पोरेट ऑफिस भी शामिल है लेकिन इसकी नीलामी का मुद्दा पहले से ही पेचीदा बना हुआ है। 


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Isha

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