दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम, वैज्ञानिकों ने निकाला रास्ता

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 11:10 AM (IST)

लंदन : वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट विकसित किया है जिससे यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति की नींद पूरी हुई है या नहीं। इस जांच से सुस्ती में गाड़ी चलाने के कारण होने वाली कार दुर्घटनाओं को रोक सकने में मदद मिलेगी। पूर्व के शोधों में यह पाया गया है कि जो वाहन चालक प्रतिदिन नींद लेने की अनुशंसित सीमा से कम यानी सिर्फ एक या दो घंटे की नींद लेते हैं उनके कार हादसों में शामिल होने का खतरा दोगुना हो जाता है।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सर्रे के डर्क जेन के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन के लिए 36 प्रतिभागियों ने एक रात की नींद नहीं ली। इस दौरान खून के नमूने लिए गए और हजारों जीन के व्यावहारिक स्तर में हुए बदलावों को मापा गया।  इस खोज से आगे की जांच में यह पता लग सकेगा कि किसी चालक की नींद पूरी हुई है या नहीं। यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ व्याख्याता एम्मा लायंग ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि पर्याप्त नींद नहीं लेने से खासकर लंबे अरसे तक नींद पूरी नहीं होने से हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर खतरा पैदा होता है।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने एक ऐसी अनोखी दवा विकसित की है, जिससे अल्कोहल पीने की मात्रा में कमी लाकर शराब की लत छुड़ाई जा सकती है और अवसाद में भी कमी लाई जा सकती है।  अध्ययन के मुताबिक, 2000 के दशक में शराब की लत में काफी बढ़ोतरी हुई। एक अध्ययन में हर आठ व्यक्ति में एक में शराब की लत पाई गई। अध्ययन में जी प्रोटीन युक्त ‘रिसेप्टर’ पर जोर दिया गया है। इसे डेल्टा ओपिऑयड रिसेप्टर भी कहा जाता है। यह ऐसी अनोखी दवा है, जिससे शराब पीने की इच्छा में कमी लाई जा सकती है। परड्यू यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर रिचर्ड वैन रिज्न ने कहा, ‘हम असर पैदा करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे ‘साइड इफेक्ट’ से भी बचा जा सकता है।’


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Isha

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