Gayatri Jayanti: क्यों कहा जाता है मां गायत्री को वेदमाता ?

punjabkesari.in Thursday, Jun 13, 2019 - 10:10 AM (IST)

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आज दिनांक 13 जून, 2019 ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के साथ-साथ आज गायत्री जयंती का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। माता गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि मां गायत्री की उपासना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और किसी वस्तु की कमी नहीं होती। तो चलिए आगे जानते हैं इनसे जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में। 
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हिंदू धर्म में मां गायत्री को पंचमुखी माना गया है, जिसका अर्थ है यह संपूर्ण ब्रह्मांड जल, वायु, पृथ्वी, तेज और आकाश के पांच तत्वों से बना है। संसार में जितने भी प्राणी हैं, उनका शरीर भी इन्हीं पांच तत्वों से बना है। इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव के भीतर गायत्री प्राण-शक्ति के रूप में विद्यमान है। यही कारण है गायत्री को सभी शक्तियों का आधार माना गया है। इसीलिए सभी व्यक्तियों को गायत्री मंत्र का उपासना हर रोज़ करनी चाहिए। 
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गायत्री संहिता के अनुसार, ‘भासते सततं लोके गायत्री त्रिगुणात्मिका॥’यानी गायत्री माता सरस्वती, लक्ष्मी एवं काली का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन तीनों शक्तियों से ही इस परम ज्ञान यानि वेद की उत्पत्ति होने के कारण गायत्री को वेदमाता कहा गया है। गायत्री मंत्र के लिए शास्त्रों में लिखा है कि सर्वदेवानां गायत्री सारमुच्यते जिसका मतलब है गायत्री मंत्र सभी वेदों का सार है। इसलिए मां गायत्री को वेदमाता कहा गया है। कहा जाता है कि सविता के मुख से इनकी स्थापना हुई थी। भगवान सूर्य ने इन्हें ब्रह्माजी को समर्पित कर दिया। तभी से इनको ब्रह्माणी भी कहा जाता है। वेदों, उपनिषदों और पुराणादि में इनकी विस्तृत महिमा का वर्णन मिलता है।


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