Ganga Dussehra: 10 योगों में गंगा का स्नान, 10 पापों को हरता है
punjabkesari.in Tuesday, Jun 11, 2019 - 10:51 AM (IST)
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को भगवती भागीरथी गंगा का जन्म उत्सव गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस में दशहरा का भावार्थ है दस पापों को दूर करने वाली तिथि। गंगा दशहरा के दिन गंगा से स्नान करने से दस पापों का नाश होता है। शास्त्रों में ऐसा उल्लेख मिलता है। ये तीन प्रकार के दस पाप इस प्रकार कहे जाते हैं।
1. इनमें शरीर से होने वाले तीन पाप हैं, बगैर दिए किसी चीज का लेना, बगैर यज्ञादि विधान के हिंसा तथा परस्त्री संग।
2. वाणी से होने वाले चार पाप-कठोर वचन बोलना, दूसरे की शिकायत या निंदा करना, बिना मतलब के प्रलाप करना तथा झूठ बोलना।
3. तीन मानसिक पाप-दूसरे की दौलत ऐंठने की इच्छा रखना, दूसरों को नुक्सान पहुंचाने की इच्छा, बेकार की बातों में बुरा प्रभाव पैदा करना।
कहा जाता है कि इन पापों को दूर करने में दशहरा स्नान समर्थ है। यह भी कहा जाता है कि गंगा जी में स्नान करना भी जरूरी नहीं है। यदि 100 योजन दूर बैठा कोई व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा से गंगा जी के नाम का उच्चारण करे तो वह पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक को प्राप्त हो सकता है अर्थात दस योगों में गंगा का स्नान, दस पापों को हरता है। ये दस योग हैं, ज्येष्ठ का महीना शुक्ल पक्ष, दसवीं तिथि, बुध दिन, हस्त नक्षत्र, ययतीपात, गर तथा आनंद योग, कन्या राशि में चंद्रमा तथा वृष राशि में सूर्य, इसी कारण ही इसे दशहरा कहते हैं।