''खून बहेगा'' से ''शांति चाहिए'' तक... भारत के सामने बिलावल भुट्टो का यू-टर्न

punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 08:04 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौता सस्पेंड कर दिया गया था। इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने उस वक्त भड़काऊ बयान दिया था कि "या तो सिंधु में हमारा पानी बहेगा या उनका खून बहेगा"। यह बयान भारत के खिलाफ खुली धमकी मानी गई। लेकिन अब वही बिलावल भुट्टो संसद में पूरी तरह बदले नजर आए। मंगलवार (6 मई 2025) को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है। उन्होंने कहा कि "अगर भारत शांति के रास्ते पर चलना चाहता है तो उसे खुली हथेलियों से आना चाहिए ना कि बंद मुट्ठियों से।" बिलावल का यह बयान भारत की सख्त नीति और सिंधु जल समझौते के निलंबन के बाद आया है। अब वे भारत से बातचीत की अपील कर रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत 'सबूतों के साथ आए, झूठे आरोपों के साथ नहीं।'

पाकिस्तान अब खुद को बता रहा आतंक का शिकार

बिलावल भुट्टो ने संसद में खुद को आतंकवाद का पीड़ित देश बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का पहलगाम हमले से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही कहा कि "हमने अपने बच्चों, सैनिकों और नागरिकों को खोया है। आतंकवाद ने हमें भी बहुत जख्म दिए हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंक से केवल हथियारों से नहीं लड़ा जा सकता बल्कि इसके लिए शिक्षा, विकास, एकता और सोच में बदलाव जरूरी है।

आतंक के खिलाफ भारत से मिलकर लड़ने की अपील

पहली बार बिलावल भुट्टो ने भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने की बात करते हुए कहा कि "हम पड़ोसी हैं, आइए मिलकर बैठें और सच बोलें।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर आतंकवाद को हराना है तो सिर्फ एक-दूसरे पर आरोप लगाने से नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर समाधान तलाशने होंगे।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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