खारी बावली मसाला बाजार में दो महीने में 45 फीसदी का हुआ नुकसान, नहीं खुली दुकानें मारी गई पूरे साल की कमाई

punjabkesari.in Thursday, May 14, 2020 - 07:24 PM (IST)

नई दिल्ली/ डेस्क। दिल्ली की खारी बावली एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाजार है। बाजार में सबसे ज्यादा रौनक रमजान, शादी की लगन, दीवाली और होली के मौके पर होती है। इस होली में भी बिक्री की मंदी रही इसके साथ ही रमजान पूरा लॉकडाउन में निकाल गया है।

 

वहीं मई के महीने में शादी की सारी मुहुर्त भी निकल गए हैं। ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि पूरे साल की कमाई इन समय में ही होती है। जोकि इस बार ठप रहा , जिसके कारण पूरे साल की कमाई में नुकसान उठाना पड़ेगा। 


किराना कमेटी के अध्यक्ष विजय गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन में 2 महीने में 45 फीसदी का नुकसान हुआ है। प्रतिवर्ष 400 करोड़ रूपये का कारोबारियों का फायदा होता था । लेकिन लॉकडाउन के वजह से पिछले दो महीने में 180 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।अगर इसी तरह आगे भी लॉकडाउन चलता रहा तो व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।


व्यापारियों की हालात को देखते हुए सभी मंडी के व्यापारियों ने मिलकर सरकार को सुझाव दिया है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए की जिसमें कुछ दुकानें एक दिन खोलने की इजाजत दी जाए तो कुछ दुकानें दूसरे दिन दिया जाए। जैसे कि बाजार के अंदर लगभग 2000 दुकानें हैं तो सोमवार को एक हजार दुकानें खोली जाए और बाकी बची हुई दुकानें मंगलवार को। इसी तरह पूरे सप्ताह चले। इससे मार्केट में भीड़ भी इकट्ठा नहीं होगी और धीरे-धीरे व्यापार को पटरी पर लाया जा सकता है। 
 

अगर दुकानें खुली तो कुछ भरपाई की है संभावना 
ईद 23 और 24 को आने वाला है ऐसे में दुकानदारों का कहना है कि दुकानें खोलने की इजाजत दी जाएगी तो कुछ माल ईद के मौके पर निकल जाएगा। विजय गुप्ता का कहना है कि जिन व्यापारियों के पास पहले से बहुत ज्यादा स्टाक में माल थे उनका कुछ माल कोल्ड स्टोर में रखवाया गया। जिसके कारण माल सुरक्षित है। वहीं छोटे व्यापारी जो अपना माल कोल्ड स्टोर में नहीं रख पाए हैं उनका बहुत नुकसान भी हो रहा है गर्मी के कारण अब फफूंदी और कीड़ा लगना शुरू हो गया है। सरकार को भी हुआ भारी नुकसान  


खारी बावली बाजार से सरकार को लगभग प्रति साल 700 से 800 करोड़ का फायदा होता था जो इस बार सरकार की  रेवेन्यू  में भारी असर पड़ा है। व्यापारियों का माल नहीं बिकने के कारण सरकार को भी 45 फीसदी की रेवेन्यू का नुकसान हुआ है।


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Edited By

Murari Sharan

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