दिल्ली: ऑड-इवन पार्ट-2 शुरू, कहीं पूजा...तो कहीं इलाज कराने जा रहे लोगों का कटा चालान

punjabkesari.in Friday, Apr 15, 2016 - 01:39 PM (IST)

नई दिल्ली: राजधानी में प्रदूषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से निजी चौपहिया वाहनों के लिए सम-विषम योजना का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया जो 30 अप्रैल तक चलेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा ‘‘ऑड इवन आज शुरू हो गया है। इसे सफल बनाने के लिए सब लोग एकजुट हों।’ उन्होंने लोगों को रामनवमी की भी शुभकामनाएं दीं। योजना के दौरान वाहनों के अंतिम पंजीकरण नंबर के आधार पर इन्हें सम-विषम तिथियों पर चलाने की अनुमति होगी। आज दिल्ली की सड़कों पर सिर्फ ऑड नंबर की गाड़ियां दौड़ रही हैं लेेकिन इससे लोगों को खासी परेशानी हो रही है।

परेशानी का आलम ये है कि पूजा करने जा रहे लोगों और इलाज कराने वालों का भी चालान काटा गया। नियम तोड़ने वालों पर 2000 रुपए का जुर्माना लगा। ऑड-इवन पार्ट-2 शुरू करने से पहले केजरीवाल सरकार ने इसकी कामयाबी का दावा किया था। वहीं योजना को देखते हुए डीटीसी बसों और मेट्रो के फेरे बढ़ाए गए हैं।

इन्हें ऑड ईवन से छूट ?
पिछली बार की तरह ऑड ईवन स्कीम के दूसरे चरण में भी वीआईपी लोगों को छूट मिली है। हालांकि सीएम केजरीवाल ने खुद को और अपनी केबिनेट को इस छूट से बाहर रखा है। इसके अलावा चार कैटगरी में छूट रहेगी
– सीएनजी की उन गाड़ियों को छूट है जिन पर जांच के बाद सीएनजी स्टीकर होंगे।
– कार चला रही महिलाए और 12 साल तक के बच्चे स्कीम के दायरे में नहीं हैं।
– गाड़ी में बैठे दिव्यांग लोगों को ऑड ईवन स्कीम से छूट।
– मेडिकल इमरजेंसी पर छूट।
-जिन गाड़ियों में स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चे बैठे होंगे उनको भी इस स्कीम से छूट दी गई है।
ऑल इंडिया परमिट की गाड़ियों को छूट है लेकिन, दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर भी ऑड ईवन फॉर्मूला लागू रहेगा। ये स्कीम सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक लागू रहेगी तो वहीं रविवार को पूरे दिन छूट रहेगी। यानी इस दिन ऑड ईवन दोनों ही नंबर की गाड़ियां लोग चला पाएंगे।

ऑड-इवन फार्मूले की यहां हुई सबसे पहले शुरुआत
ऑड-इवन की शुरुआत सबसे पहले 2008 में बीजिंग में समर ओलंपिक्स से पहले हुई थी। शुरुआत में इसे अस्थायी तौर पर लागू किया गया था लेकिन इसका इतना असर हुआ कि सरकार ने इसे स्थाई तौर पर लागू करने का फैसला कर लिया। दरअसल ऑड-इवन को अस्थाई तौर पर लागू किए जाने के दौरान पर्यावरण में 40 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी। इसी तरह के नियम पेरिस, लंदन, मैक्सिको सिटी, साओ पाउलो और बोगोटा जैसे शहरों में जाम और प्रदूषण से निपटने के लिए लागू किए गए।


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