योगी जी तो पावरफुल हैं…, इलाहाबाद की धरती से बोले CJI, बताया संविधान की ताकत ने कैसे जोड़े रखा है भारत को
punjabkesari.in Saturday, May 31, 2025 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अहम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के उस वक्तव्य का जिक्र किया जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश के सबसे पावरफुल और कर्मठ मुख्यमंत्री बताया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए CJI गवई ने मुस्कुराते हुए कहा "योगी जी तो पावरफुल हैं ही, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की धरती ही पावरफुल लोगों की है।" इस टिप्पणी पर सभा में हल्की मुस्कान और तालियों की गूंज सुनाई दी।
संविधान ने हमेशा देश को एकजुट रखा
कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई ने भारतीय संविधान की शक्ति, संतुलन और स्थायित्व पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि आज भारत जिन ऊंचाइयों को छू रहा है, उसके पीछे देश का संविधान एक मजबूत स्तंभ की तरह खड़ा रहा है। CJI गवई ने बताया कि जब संविधान तैयार हो रहा था और अंतिम मसौदा संविधान सभा में रखा गया, उस समय कई लोगों की राय बंटी हुई थी। उन्होंने कहा "कुछ लोगों का मानना था कि यह संविधान बहुत ज्यादा संघात्मक (Federal) है, तो कुछ इसे अत्यधिक एकात्मक (Unitary) बता रहे थे," तब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने स्पष्ट किया था कि यह संविधान न पूरी तरह संघात्मक है और न ही पूरी तरह एकात्मक। बल्कि यह एक ऐसा संतुलन बनाता है, जो देश को शांति और युद्ध दोनों स्थितियों में एकजुट और मजबूत बनाए रखता है।
#WATCH | Prayagraj, Uttar Pradesh: Chief Justice of India BR Gavai says, "Meghwal ji (Law and Justice Minister) said that (CM) Yogi ji is the most powerful and hardworking CM of this country. I would like to say that Allahabad is the land of powerful people..." pic.twitter.com/V9ue9nOYaC
— ANI (@ANI) May 31, 2025
पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत आगे
मुख्य न्यायाधीश ने इस अवसर पर स्वतंत्र भारत की प्रगति का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत आज जिस स्थायित्व और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसमें संविधान का निर्णायक योगदान रहा है।उन्होंने पड़ोसी देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां कई देशों को राजनीतिक संघर्षों का सामना करना पड़ा, भारत संविधान के मार्गदर्शन में लगातार आगे बढ़ता रहा।
तीनों संस्थाएं मिलकर निभाएं जिम्मेदारी
CJI गवई ने संविधान की 75 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सफर में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों ने मिलकर देश को सामाजिक और आर्थिक समानता की ओर बढ़ाया है। उन्होंने कहा "हमारी यह मूलभूत जिम्मेदारी है कि न्याय हर नागरिक तक पहुंचे। इसके लिए सभी संस्थाओं को मिलकर कार्य करना होगा।" मुख्य न्यायाधीश ने न्याय प्रणाली को सरल, सुलभ और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केवल कानून बनाने या उसे लागू करने से बात पूरी नहीं होती, जब तक अंतिम व्यक्ति को न्याय न मिले।