Year Ender 2024: 2024 का साल भारत की राजनीति के लिए रहा बेहद खास, यहां देखें पूरी लिस्ट
punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2024 - 05:05 PM (IST)
नेशनल डेस्क: साल 2024 भारत की राजनीति के लिए एक अहम मोड़ लेकर आया। कई ऐतिहासिक घटनाएं घटीं, जिनका प्रभाव आने वाले समय में भी देखा जाएगा। इस साल न केवल बड़े चुनावी परिणामों ने ध्यान आकर्षित किया, बल्कि सत्ता के खेल, नेता के इस्तीफे और नई नेतृत्व शक्तियों का उभार भी महत्वपूर्ण था। आइए जानते हैं 2024 में भारत की राजनीति में घटित हुईं 10 सबसे बड़ी घटनाओं के बारे में।
1. लोकसभा चुनाव 2024
भारत में इस साल 19 अप्रैल से 1 जून के बीच लोकसभा चुनाव के सात चरणों में मतदान हुआ। चुनावी माहौल में जहां एनडीए (National Democratic Alliance) ने 400 सीटें जीतने का दावा किया था, वहीं विपक्षी गठबंधन, इंडिया अलायंस ने सत्ता विरोधी माहौल का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की। लेकिन परिणामों ने सभी को चौंका दिया। एनडीए को 400 सीटों का आंकड़ा हासिल करने में नाकामी मिली, हालांकि फिर भी नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। चुनावी नतीजे यह साबित करते हैं कि भाजपा की पकड़ मजबूत है, जबकि विपक्ष ने भी कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर जीत हासिल की, जिससे राजनीति में नया संतुलन बना।
2. अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा
इस साल की सबसे चौंकाने वाली घटनाओं में से एक थी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा। तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली के लोग उन्हें "क्लीन चिट" नहीं देते, तब तक वह सीएम पद पर नहीं लौटेंगे। इस इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। हालांकि, केजरीवाल का यह कदम राजनीतिक और व्यक्तिगत कारणों से लिया गया था, लेकिन इसने दिल्ली की राजनीति में नए प्रश्न खड़े कर दिए।
3. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र में इस साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों हुए। लोकसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को निराशा हाथ लगी, लेकिन विधानसभा चुनाव में गठबंधन ने भारी जीत हासिल की। इस चुनाव के परिणामों के बाद एकनाथ शिंदे, जो पहले राज्य के मुख्यमंत्री थे, को पद से हटा दिया गया, और उनकी जगह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन ने राज्य की राजनीति में एक नई दिशा दिखाई, और यह घटना 2024 के चुनावी इतिहास में महत्वपूर्ण रही।
4. हेमंत सोरेन का जेल जाना
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए साल 2024 काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। जनवरी में उन्हें कथित घोटाले के मामले में जेल भेज दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई और वह फिर से मुख्यमंत्री पद पर लौटे। इस घटनाक्रम ने झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ लिया। इस दौरान, चंपई सोरेन को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में झामुमो की जीत के साथ हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वापसी की।
5. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव
2024 में जम्मू और कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव हुए। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहला चुनाव था, और इस कारण पूरे देश की नजरें इन चुनावों पर थीं। इन चुनावों में उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने शानदार वापसी की। मतदान प्रतिशत बहुत ही उच्च रहा, और चुनाव परिणामों ने यह संकेत दिया कि जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हो रही है। उमर अब्दुल्ला को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना गया, जो कि राज्य के पुनर्निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
6. राहुल गांधी की अमेठी में वापसी
राहुल गांधी के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव बेहद अहम था। 2019 में अमेठी सीट से हारने के बाद, राहुल गांधी ने इस बार अपनी वापसी की और अमेठी सीट पर जीत हासिल की। इसके अलावा, वह वायनाड सीट से भी सांसद बने। उनकी यह वापसी कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई। राहुल गांधी की अमेठी में जीत ने यह भी साबित किया कि उनका राजनीतिक कद अब भी मजबूत है और उनका भविष्य कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
7. नवीन पटनायक की हार
ओडिशा की राजनीति में इस साल बड़ा उलटफेर हुआ। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजद (BJD) पार्टी को विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 78 सीटों के साथ सत्ता में बड़ी सफलता प्राप्त की और राज्य में नई सरकार बनाई। इस चुनाव में बीजद केवल 51 सीटों पर सिमट गई। इस हार के साथ पटनायक का 24 साल का शासन समाप्त हो गया, जो राज्य की राजनीति में एक ऐतिहासिक बदलाव था।
8. प्रियंका गांधी का चुनावी पदार्पण
प्रियंका गांधी वाड्रा ने 2024 के लोकसभा उपचुनाव में वायनाड सीट से कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व किया और शानदार जीत हासिल की। उन्होंने 64.99% वोटों के साथ पहली बार संसद में प्रवेश किया। प्रियंका का यह चुनावी पदार्पण कांग्रेस पार्टी के लिए एक नई आशा का प्रतीक बन गया, क्योंकि उन्होंने अपनी जीत से यह साबित किया कि गांधी परिवार की राजनीति में अब भी महत्व है।
9. सिक्किम विधानसभा में विपक्ष का पूरी तरह सफाया
सिक्किम विधानसभा चुनाव में एक दिलचस्प स्थिति उत्पन्न हुई, जब 32 सीटों वाली विधानसभा में एक भी विपक्षी विधायक नहीं बचा। सभी सीटों पर सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने जीत हासिल की। दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भी एसकेएम के प्रत्याशियों ने निर्विरोध जीत दर्ज की। यह राजनीतिक दृश्य सिक्किम की राजनीति में एक असामान्य घटना के रूप में दर्ज हुआ, क्योंकि आमतौर पर विपक्ष का होना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक माना जाता है।
10. दिल्ली में आतिशी का सीएम पद पर उभरना
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली की राजनीति में यह सवाल उठने लगा था कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस दौरान पार्टी के विधायकों की बैठक में आतिशी के नाम पर सहमति बनी और उन्हें दिल्ली का नया मुख्यमंत्री घोषित किया गया। आतिशी, जो पहले शिक्षा मंत्री रह चुकी थीं, ने दिल्ली की सरकार की बागडोर संभाली और उनके नेतृत्व में सरकार ने नए reforms और योजनाओं की शुरुआत की। आतिशी का यह कदम दिल्ली की राजनीति में न केवल बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण था, बल्कि यह आम आदमी पार्टी के नए नेतृत्व का प्रतीक भी बन गया।