दिल्ली में फिर झाग-झाग हुई यमुना, सामने आया Video
punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 07:32 PM (IST)
नेशनल डेस्कः देश की राजधानी से होकर गुजर रही यमुना नदी में एक बार फिर जहरीला झाग जमा हो रहा है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने इसका वीडियो शेयर किया है। वीडियो में देख सकते हैं कि यमुना नदी की सतह पर बड़ी मात्रा में जहरीला झाग तैरता नजर आ रहा है। यमुना की साफ सफाई को लेकर कई बार देश की संसद में मुद्दा उठा है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
Delhi: (In Visual) Toxic foam is accumulating on the surface of the Yamuna River pic.twitter.com/q9KRgmJc7s
— IANS (@ians_india) July 25, 2024
आम तौर पर यमुना में बारिश के बाद विंटर शुरू होते ही ये झाग नदी पर तैरता नजर आता था। छठ त्योहार हर साल इसे लेकर खूब राजनीति भी होती है। लेकिन इस बार यह जुलाई के महीने में ही यमुना नदी में दिखने लगा है। छठ त्योहार पर दिल्ली सरकार ने इन झाग को छुपाने के लिए सिलिकॉन केमिकल का इस्तेमाल जरूर किया था, लेकिन अब एक बार फिर से हालात पहले जैसे हो गए हैं।
यमुना नदी में फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। कालिंदी कुंज में यमुना में सफेद रंग की झाग की चादर छा गई है। यमुना में प्रदूषण के चलते ये झाग नजर आता है। दरअसल, यमुना के पानी में डिसाल्व ऑक्सीजन का मात्रा या तो खत्म होने या टॉक्सिक बढ़ने की स्थिति में झाग नजर आने लगता है।
झाग के 2 बड़े स्रोत
सीपीसीबी की रिपोर्ट ये कहती है कि छठ में ओखला बैराज के साथ ही आईटीओ पर इसी वजह से झाग दिखती है। सीपीसीबी के साथ ही डीपीसीसी ने झाग की इस परते के लिए फास्फेट और सर्फेक्टेंट को जिम्मेदार माना है। यमुना के पानी में डिटरजेंट की मात्रा सीवेज से या फिर इंडस्ट्री से निकलने वाले कचरे से आती है। इंडस्ट्री से निकला कचरा भले ही कम हो, लेकिन सीवेज से निकले कचरे से ज्यादा खतरनाक होता है। यमुना जिए अभियान के कन्वीनर मनोज मिश्र का कहना है कि ज्यादातर सरकारों का ध्यान महज सीवेज ट्रीटमेंट प्लान बनाने पर रहता है, जबकि यमुना के पानी में industrial affluent ज्यादा गिरने की वजह से यमुना के पानी में झाग बनता है।
दिल्ली के बड़े नालों में झाग के कारक फास्फेट की मात्रा कितनी?
दिल्ली के बड़े नजफगढ़ नाले में फास्फेट का स्तर 74.5 एमजी प्रति लीटर है। जबकि आईएसबीटी नाले में 65.5 एमजी प्रति लीटर है। वहीं, बारापुला नाला में 57.2 एमजी प्रति लीटर और इंद्रपुरी नाले में 54.2 एमजी प्रति लीटर।