Premanand Maharaj: किस संत के सामने फफक फफक कर रोने लगे प्रेमानंद महाराज...Video हुआ वायरल
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 06:40 AM (IST)
नेशनल डेस्कः वृंदावन के प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज अपने सरल जीवन, गहन भक्ति और प्रेरक प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं। उनके आश्रम में रोज़ देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। आम भक्तों के साथ-साथ कई प्रसिद्ध हस्तियां और संत-महात्मा भी उनसे मार्गदर्शन लेने आते रहते हैं।
इसी क्रम में हाल ही में नरेश भैया जी प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे। नरेश भैया जी ‘श्रीमान नारदीय भगवत् निकुंज’ से जुड़े हुए हैं और राधा-माधव की भक्ति के साथ सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। वे विशेष रूप से युवाओं को सत्संग, कथा-वाचन और धार्मिक आयोजनों के माध्यम से आध्यात्मिक मार्ग से जोड़ने का काम करते हैं।
आश्रम में हुई आत्मीय मुलाकात
नरेश भैया जी के आश्रम पहुंचने पर प्रेमानंद महाराज ने उन्हें स्नेहपूर्वक आसन दिया। दोनों संतों के बीच काफी देर तक आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा हुई। बातचीत के दौरान वातावरण अत्यंत भावपूर्ण हो गया। इसी दौरान एक ऐसा क्षण आया जब प्रेमानंद महाराज की आंखें भर आईं और वे फफक-फफक कर रोने लगे।
क्यों भावुक हो गए प्रेमानंद महाराज
भगवान कितना प्यार करते हैं… यह सुनकर आँखें नम हो जाएँगी
— Aarav Gupta 🦋 (@aaravji34720) December 15, 2025
Credit - channel -Bhajan Marg
Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham#premanandjimaharaj #Vrindavan pic.twitter.com/T5N29QwHtN
भावुक होकर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भगवान कण-कण में विराजमान हैं। उन्होंने बताया कि पूज्य बाबा जी और पूज्य भाई जी (भगवान की वाणी) के उपदेशों ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। उन्होंने कहा कि सच्ची भक्ति वही है, जिसमें भक्त भगवान के स्वरूप को पूरे आदर और प्रेम के साथ स्वीकार करता है।
“भगवान में मन लगाना दुर्लभ है”
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भगवान हमसे कितना प्रेम करते हैं, इसका हमें सही अनुमान भी नहीं होता। रोते हुए उन्होंने कहा, “हमारा अपना कुछ भी नहीं होता, सब कुछ भगवान की करुणा से ही होता है।” उन्होंने आगे कहा कि इस संसार की माया और काल की चाल से मन हटाकर भगवान में लगाना बेहद दुर्लभ और कठिन कार्य है।
महापुरुषों के आश्रय पर दिया जोर
प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भगवान उसी को स्वीकार करते हैं, जो किसी महापुरुष का आश्रय लेता है। महापुरुषों की कृपा के बिना भगवान की कृपा प्राप्त होना संभव नहीं है। इसलिए जीवन में हमेशा संतों और महापुरुषों के मार्गदर्शन में रहना चाहिए।
अंत में प्रेमानंद महाराज ने नरेश भैया जी के प्रति सम्मान व्यक्त किया और उनकी अच्छी सेहत तथा लंबे आध्यात्मिक जीवन की कामना की। यह मुलाकात श्रद्धा, भक्ति और भावनाओं से भरी रही, जिसने वहां मौजूद सभी भक्तों को गहराई से प्रभावित किया।
