1988 के बाद की सबसे भयानक बाढ़, 37 लोगों की मौत... 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 01:53 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से लगातार छोड़े जा रहे पानी और भारी बारिश के कारण राज्य की प्रमुख नदियां सतलुज, ब्यास और रावी उफान पर हैं, जिससे पूरे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। अब तक बाढ़ से 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि साढ़े 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 1,655 गांव पानी में डूब चुके हैं।
फसलों और घरों को भारी नुकसान
बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। राज्य में 1.48 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसके अलावा, कई पशुधन भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं। कई जगहों पर घर पूरी तरह से ढह गए हैं या पानी में बह गए हैं। कई गांवों में खेत अब 8 से 10 फीट गहरे तालाबों में बदल गए हैं, जिससे लोगों को नावों का सहारा लेना पड़ रहा है।
ये जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जैसे जिले इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। प्रशासन ने जगह-जगह राहत शिविर लगाए हैं, लेकिन बहुत से लोग अभी भी अपने घरों को छोड़कर जाने को तैयार नहीं हैं। वे अपनी छतों या ऊंचे स्थानों पर रहकर अपने मवेशियों और सामान की निगरानी कर रहे हैं।
सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और नुकसान का आकलन करने के लिए एक विशेष गिरदावरी (सर्वे) शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया। सीएम मान ने देश से मदद की अपील करते हुए कहा, “जब भी देश संकट में आया है, पंजाब ने हमेशा साथ दिया है। आज जब पंजाब खुद संकट में है, तो पूरे देश को हमारे साथ खड़ा होना चाहिए।”