अस्पताल  ने गर्भवती को नहीं किया एडमिट, बर्फीली हवाओं में डिलवरी और फिर..

punjabkesari.in Saturday, Jan 19, 2019 - 08:08 PM (IST)

श्रीनगर :  उतर कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के दूरस्थ मूरे क्षेत्र की एक महिला को श्रीनगर के लाल डेड अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा एड्मिट नहीं करने के बाद महिला को सडक़ पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़ा। बर्फीली हवाओं में प्रसव होने से बच्चे की मौत हो गई। ललद्द घाटी का सबसे बड़ा सरकारी प्रसूति अस्पताल है, जिसने उसे रात भर अस्पताल में रहने की अनुमति नहीं दी और मना कर दिया। स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार रात श्रीनगर में तापमान .0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 

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मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान ने कहा कि हमने गवर्नमेंट मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल को इस मामले की जल्द जांच करने और उन हालात का पता लगाने को कहा है जिनके चलते एक महिला को सडक़ पर बच्चे को जन्म देना पड़ा है। इस घटना के लिए जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने उन्हें दो दिन में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।PunjabKesari

 

राजनीतिक दलों की आ रही हैं प्रतिक्रियाएं
इस मामले पर राज्य के राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया जताना शुरु कर दी है। पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफती ने इस घटना को लेकर टवीटर पर लिखा है यह अत्यंत दर्दनाक और दिल दहलाने वाला है कि एक गर्भवति महिला को उस अस्पताल से निकाला गया, जो कश्मीर की एक महान महिला संत ललदेद के नाम पर है। बाद में पीड़ित महिला ने जमा देने वाली ठंड में ही बच्चे को जन्म दिया जो बच नहीं सका। इस आघात पर माता-पिता को पहुंची पीड़ा और तकलीफ  का शायद ही कोई अंदाजा लगा सकता है।

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उमर का टवीट्
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उम्मीद करता हूं कि राज्यपाल प्रशासन इस दुखद घटना पर त्वरित कार्रवाई करेगा ताकि दोबारा इस तरह की घटनाएं न हों।

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चारपाई पर 6 घंटे चलकर पहुंचाया था अस्पताल
महिला के भाई, हमी जमान ने बताया कि सुराया को गुरुवार को घर पर प्रसव पीड़ा हुई थी। क्षेत्र में मूरे और कलारोस के सडक़ों के बीच लगभग 3 फीट बर्फ  जमी हुई थी। जहां निकटतम अस्पताल स्थित है, वहाँ कोई गाड़ी ले जाने योग्य नहीं थे। उन्होंने कहा, लगभग 15 लोगों ने मेरी बहन को एक चारपाई पर रखा और हम अस्पताल पहुंचने के लिए छह घंटे चले (कलारो में) लगभग 14 किमी दूर। 
 वहां डॉक्टरों ने उसे कुपवाड़ा के अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां से उसे श्रीनगर के ललद्द अस्पताल में रेफर कर दिया गया। ललद्द अस्पताल पर परिवार ने कहा, सुराया को कुछ घंटों के लिए निगरानी में रखा गया था। पर बाद में अस्पताल के अधिकारियों ने उसे रखने से मना कर दिया। जमान ने कहा कि रात के लगभग 8:30 बजे मेरी बहन को फिर से तेज दर्द हुआ और उसने सडक़ पर एक बच्ची को जन्म दिया। नवजात की तुरंत मृत्यु हो गई।  
 


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Monika Jamwal

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