क्या सोने की चमक अगले 5 वर्षों में 2 लाख रुपए के पार पहुंचेगी? जानिए क्या करें – बेचें या खरीदें?
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 11:13 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सोने की कीमतों में हाल के महीनों में जबरदस्त उछाल देखा गया है, जिसने निवेशकों और विश्लेषकों दोनों के बीच हलचल मचा दी है। एमसीएक्स (MCX) पर 24 कैरेट सोना अब ₹1,10,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
पांच साल पहले, यानी 19 सितंबर 2020 को, यही सोना ₹51,610 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। जबकि एक साल पहले, 21 सितंबर 2024 को इसका दाम ₹72,874 था। इसका अर्थ है:
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पिछले एक साल में लगभग 50% का उछाल
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पिछले 5 साल में करीब 112% की बेजोड़ बढ़त
कीमतों में इस तेजी के पीछे क्या हैं मुख्य कारण?
वैश्विक कारक:
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भूराजनीतिक तनाव:
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रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व संकट, ताइवान-चीन टकराव जैसे मुद्दों ने ग्लोबल अनिश्चितता बढ़ाई है।
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निवेशक "सेफ हेवन" यानी सुरक्षित निवेश विकल्प की तलाश में सोने की ओर झुके हैं।
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अर्थिक अनिश्चितता और कर्ज संकट:
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वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी की आशंका, और अमेरिका जैसे देशों में बढ़ता सार्वजनिक कर्ज, निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित कर रहा है।
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अमेरिकी टैरिफ और डॉलर में अस्थिरता:
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ट्रंप प्रशासन की वापसी के साथ ही वैश्विक व्यापार युद्ध का खतरा और डॉलर की कमजोरी ने सोने को मजबूती दी है।
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ब्याज दरों की संभावित कटौती:
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अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों में ढील की संभावना से सोने को और समर्थन मिला है।
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भारतीय बाजार में सोने की चमक क्यों बरकरार है?
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त्योहार और शादी की मांग- अक्टूबर-मार्च के बीच भारत में ज्वेलरी की डिमांड चरम पर होती है।
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इक्विटी मार्केट की सुस्ती- पिछले वर्ष निफ्टी 50 का रिटर्न लगभग सपाट रहा, जिससे निवेशकों ने विकल्प के तौर पर गोल्ड को चुना।
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गोल्ड ईटीएफ का शानदार प्रदर्शन- वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 12 महीनों में गोल्ड ईटीएफ ने लगभग 47% का रिटर्न दिया है।
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रिजर्व बैंक और अन्य केंद्रीय बैंकों की खरीदारी- RBI समेत कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।
अगले 5 वर्षों में कहां पहुंचेगा सोना?
सोने की लगातार बढ़ती कीमतों ने निवेशकों के सामने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या यह सही समय है सोना बेचने का या इसमें और निवेश करने का। कई निवेशक मौजूदा स्तर का फायदा उठाकर मुनाफावसूली कर रहे हैं, तो वहीं कई अभी भी इसमें निवेश करने का सही मौका तलाश रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस समय निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का दोबारा आकलन करना चाहिए और भविष्य की रणनीति पर ध्यान देना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में सोने की कीमतें कई वैश्विक कारकों से तय होंगी, जिनमें सोने की आपूर्ति, वैश्विक ऋण स्तर, चीन और भारत जैसे देशों का रिजर्व मैनेजमेंट और युद्ध जैसी परिस्थितियां शामिल हैं। इन सभी से सोने की मांग और बढ़ सकती है। कुछ एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगले एक साल में सोना 1.20 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम को छू सकता है, जबकि अगले पांच सालों में यह 1.70 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि क्या आने वाले समय में सोना 2 लाख रुपये के स्तर तक पहुंच जाएगा।