क्या मिडल ईस्ट का तनाव भारत में तेल की कीमतों को बढ़ाएगा? सरकार ने साफ किया रुख
punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 01:16 AM (IST)

नेशनल डेस्कः दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्ति क्षेत्रों में बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और चौथे सबसे बड़े गैस खरीदार भारत के पास कई हफ्तों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति है और उसे कई मार्गों से आपूर्ति प्राप्त हो रही है। मंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सरकार पिछले दो सप्ताह से पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।''
We have been closely monitoring the evolving geopolitical situation in the Middle East since the past two weeks. Under the leadership of PM @narendramodi Ji, we have diversified our supplies in the past few years and a large volume of our supplies do not come through the Strait…
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 22, 2025
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लेकर आए हैं और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से नहीं आता है।'' होर्मुज जलडमरूमध्य पश्चिम एशिया से आने वाले तेल के लिए एक महत्वपूर्ण पारगमन मार्ग है, जिसे ईरान अपने परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद बंद करने की धमकी दे रहा है।
पुरी ने कहा, ‘‘हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह के लिए आपूर्ति है तथा उन्हें कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त होती रहेगी। हम अपने नागरिकों को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।''
होरमुज जलडमरूमध्य क्यों महत्वपूर्ण है?
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यह एक संकीर्ण समुद्री रास्ता है जो पारस की खाड़ी (Persian Gulf) को अंतरराष्ट्रीय समुद्र से जोड़ता है।
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दुनिया का लगभग 20% कच्चा तेल इसी रास्ते से गुजरता है।
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ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे युद्ध और अमेरिका की सैन्य कार्रवाई से यह क्षेत्र अत्यधिक तनावग्रस्त है।