क्या अब टीचर पढ़ाएंगे या कुत्तों का बायोडाटा बनाएंगे? चौंकाने वाला आदेश जारी

punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 12:47 AM (IST)

नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में एक ऐसा आदेश जारी हुआ है, जिसने शिक्षकों से लेकर अभिभावकों तक सभी को चौंका दिया है। शिक्षा विभाग ने अब शिक्षकों को पढ़ाने के साथ एक अजीबोगरीब नई जिम्मेदारी भी सौंप दी है- स्कूल परिसर में घूमने वाले कुत्तों की निगरानी।

लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि सभी शिक्षक और प्राचार्य अब ‘डॉग वॉचर’ की भूमिका निभाएंगे। यह सिर्फ कुत्तों को स्कूल से भगाने भर की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उससे कहीं ज़्यादा पेचीदा है। शिक्षकों को एक विशेष प्रपत्र में कुत्तों का पूरा बायोडाटा तैयार करना होगा...

  • कुत्ते का रंग
  • नर है या मादा
  • उसका स्वभाव- शांत या हिंसक
  • पहचान के निशान
  • और वह स्कूल में किस समय देखा गया

हर विवरण दर्ज करना अनिवार्य है, जिसे बाद में नगरीय निकाय या पंचायत की ‘डॉग कैचर टीम’ को भेजा जाएगा ताकि वे तुरंत कार्रवाई कर सकें।

क्यों उठाया गया यह असामान्य कदम?

शिक्षा विभाग का तर्क है कि यह फैसले की नींव में बच्चों की सुरक्षा है। हाल ही में प्रदेश के कई इलाकों में आवारा कुत्तों के हमले बढ़े हैं और बच्चों को नुकसान पहुंचा है। यहां तक कि कुछ स्थानों पर कुत्तों द्वारा बच्चों का मिड-डे मील जूठा करने की घटनाएं भी सामने आईं।

बलौदाबाजार में हुई ऐसी ही घटना ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों पर दिए गए आदेश का हवाला देते हुए यह नई जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दी।

हालांकि, इस फैसले ने शिक्षकों में नाराजगी भी बढ़ा दी है। उनका कहना है कि पढ़ाई, प्रशासनिक कामों और विभिन्न सर्वेक्षणों में पहले से ही व्यस्त रहने के बाद अब कुत्तों का बायोडाटा बनाना व्यावहारिक नहीं, बल्कि अजीब भी है।


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News Editor

Parveen Kumar

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