महिलाओं के बाद पुरुषों में भी बढ़ने लगा ये कैंसर, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 06:21 PM (IST)
नेशनल डेस्क: एम्स भोपाल के कैंसर विभाग से आई एक रिपोर्ट ने चिकित्सा जगत को चौंका दिया है। आंकड़ों से पता चला है कि अब पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। पहले जहां 100 महिलाओं के मुकाबले सिर्फ 1 पुरुष इस बीमारी से ग्रस्त होता था, वहीं अब यह संख्या 4 तक पहुंच गई है। डॉक्टरों के अनुसार, यह बढ़ोतरी हॉर्मोनल असंतुलन, मोटापा, गलत खानपान और स्मोकिंग से जुड़ी है।
हालांकि यह डेटा अभी राष्ट्रीय कैंसर रिपोर्ट से मेल नहीं खाता, लेकिन एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि उनके क्लीनिकल अनुभव में यह बदलाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
पुरुषों में कैंसर की पहचान मुश्किल क्यों?
एम्स भोपाल के विशेषज्ञ बताते हैं कि पुरुषों में ब्रेस्ट टिशू की मात्रा बहुत कम होती है। इसी वजह से किसी गांठ का शुरुआती चरण में पता लगाना मुश्किल हो जाता है। जब तक लक्षण स्पष्ट होते हैं, तब तक बीमारी अक्सर बढ़ चुकी होती है।
एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. माधवानंद कार का कहना है कि “खराब लाइफस्टाइल पुरुषों के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ रही है। पुरुषों में एस्ट्रोजन (महिला हार्मोन) का स्तर बढ़ रहा है, जिससे छाती में गांठें बनने लगी हैं, जो आगे चलकर कैंसर में बदल सकती हैं।”
अब बच्चे भी आ रहे दायरे में
सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब बच्चों और किशोरों में भी ऐसे केस आने लगे हैं।
डॉ. कार बताते हैं कि मोटापा इसका एक बड़ा कारण है। मोटापे से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
खराब खानपान और फास्ट फूड से बिगड़ रहा बैलेंस
डॉ. कार के मुताबिक, इस हॉर्मोनल असंतुलन की जड़ें खाने की थाली में छिपी हैं।
- बच्चे और युवा अब फास्ट फूड पर निर्भर हो गए हैं।
- बर्गर, पिज़्ज़ा, नूडल्स और सॉस में मौजूद केमिकल्स शरीर के हॉर्मोनल लेवल को असंतुलित कर देते हैं।
- लंबे समय तक इन खाद्य पदार्थों का सेवन हॉर्मोनल सिस्टम को प्रभावित करता है और कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
फलों और मीट में मिलावट भी बन रही खतरा
डॉ. कार के अनुसार, केवल फास्ट फूड ही नहीं, बल्कि अब फलों और मीट प्रोडक्ट्स में भी रासायनिक मिलावट का असर दिख रहा है। खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल और मुर्गियों को दिए जाने वाले स्टेरॉयड इंसानों के शरीर में पहुंचकर हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं। यह न केवल गाइनेकोमास्टिया (पुरुषों में स्तन वृद्धि) बल्कि ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम भी बढ़ा रहा है।
पुरुषों को किन लक्षणों पर सतर्क रहना चाहिए
- छाती या निपल के पास नई गांठ या कठोरता
- छाती की त्वचा में खुरदरापन या रंग बदलना
- निपल का आकार बदलना या उसमें से स्राव आना
- बगल के नीचे सूजन या दर्द
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं- क्योंकि शुरुआती पहचान ही इस बीमारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।
