दुबई से डील या धमाका? Tahawwur Rana की आवाज़ पर NIA की नजर

punjabkesari.in Sunday, Apr 13, 2025 - 08:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क। 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं में शामिल माने जाने वाले तहव्वुर राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ का सिलसिला जारी है। पूछताछ के पहले दिन तहव्वुर राणा ने कुछ अहम जानकारियां साझा की हैं जिन्हें एनआईए बेहद गंभीरता से जांच रही है। अब जांच एजेंसी की नजर राणा के दुबई कनेक्शन पर है।

दुबई में किससे मिला था तहव्वुर राणा?

एनआईए यह जानने की कोशिश कर रही है कि साल 2008 में तहव्वुर राणा दुबई में किस व्यक्ति से मिला था और उस मुलाकात का मुंबई हमले से क्या संबंध हो सकता है। एजेंसी को संदेह है कि दुबई में राणा की जिस व्यक्ति से मुलाकात हुई थी उसे मुंबई हमले की योजना की जानकारी पहले से हो सकती थी। इस कड़ी को मजबूत करने के लिए एनआईए अब उस व्यक्ति की पहचान और भूमिका की जांच में जुट गई है।

वॉइस सैंपल को लेकर भी तैयारी

एनआईए तहव्वुर राणा के वॉइस सैंपल (आवाज़ के नमूने) लेने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि क्या हमले के वक्त राणा आतंकियों के सीधे संपर्क में था या नहीं। वॉइस सैंपल को टेलीफोन कॉल्स और अन्य रिकॉर्डिंग से मिलाकर देखा जाएगा।

हालांकि तहव्वुर राणा से वॉइस सैंपल तभी लिया जा सकता है जब वह इसके लिए अपनी सहमति दे। यदि वह इनकार करता है तो एनआईए को अदालत से इसकी इजाज़त लेनी होगी। एजेंसी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ने की तैयारी में है।

 

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इनकार से बढ़ सकती हैं मुश्किलें

अगर तहव्वुर राणा वॉइस सैंपल देने से इंकार करता है और एनआईए को मजबूरन यह बात चार्जशीट में दर्ज करनी पड़ती है तो इससे राणा की कानूनी परेशानियां और बढ़ सकती हैं। अदालत इस इनकार को संदिग्ध रवैये के रूप में देख सकती है जिससे केस की दिशा प्रभावित हो सकती है।

166 लोगों की गई थी जान

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार आतंकवादी हमलों में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। यह हमला पूरी दुनिया को दहला देने वाला था। तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने इस हमले की योजना में सहयोग किया और इसके लिए कुछ लॉजिस्टिक समर्थन भी मुहैया कराया।

आगे की रणनीति

एनआईए तहव्वुर राणा से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है। पूछताछ इलेक्ट्रॉनिक सबूत, वॉइस सैंपल और विदेशी लिंक हर एंगल से जांच को मजबूत किया जा रहा है ताकि कोर्ट में केस को ठोस तरीके से पेश किया जा सके।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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