छत्तीसगढ़ के सुकमा में IED धमाके में ASP शहीद, नक्सलियों ने रची घातक साजिश

punjabkesari.in Monday, Jun 09, 2025 - 04:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले से सोमवार को एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई। नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED विस्फोट में कोन्टा डिवीजन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए। साथ ही इस हमले में SDOP भानुप्रताप चंद्राकर और थाना प्रभारी (TI) सोनल ग्वाल भी घायल हो गए हैं। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि नक्सली अब अपेक्षाकृत सुरक्षित समझे जाने वाले क्षेत्रों में भी छिपकर वार करने लगे हैं। रविवार देर रात नक्सलियों ने सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र में एक पोकलेन मशीन को आग के हवाले कर दिया। यह वारदात नेशनल हाईवे 30 (NH-30) से महज 2 किलोमीटर दूर हुई थी। घटना की सूचना मिलते ही ASP आकाश राव अपनी टीम के साथ मौके की ओर रवाना हुए। उन्होंने सड़क पर ही गाड़ी रोकी और लगभग 100 मीटर अंदर पैदल जाकर क्षेत्र की जांच शुरू की।

प्रेशर IED बन गया जानलेवा हथियार

जैसे ही ASP गिरिपुंजे मौके पर पहुंचे, उनका पैर ज़मीन में पहले से छुपाए गए प्रेशर आईईडी पर पड़ गया। तेज धमाके से पूरा इलाका गूंज उठा और ASP बुरी तरह घायल होकर गिर पड़े। उनका निचला शरीर पूरी तरह क्षतविक्षत हो गया और वे मौके पर ही शहीद हो गए। साथ चल रहे SDOP और TI भी धमाके की चपेट में आ गए। उन्हें तत्काल रायपुर रेफर किया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जहां यह विस्फोट हुआ, वहां से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर सीआरपीएफ का स्थायी कैंप स्थित है। अब तक इस क्षेत्र को "सुरक्षित ज़ोन" माना जाता था, लेकिन नक्सलियों ने यहां पर हमला कर सुरक्षाबलों को चुनौती दे दी है।

ऑपरेशन ऑलआउट से बौखलाए नक्सली

छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों ने बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट छेड़ रखा है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिलों में घेराबंदी, तलाशी अभियान और मुठभेड़ें लगातार हो रही हैं। हाल के हफ्तों में कई शीर्ष नक्सली कमांडर मारे गए हैं जिससे नक्सली संगठन बुरी तरह से कमजोर और बौखलाए हैं।

टॉप कमांडर की मौत से डगमगाया नक्सली नेटवर्क

कुछ दिन पहले ही सुरक्षाबलों ने गौतम उर्फ सुधाकर नाम के नक्सली कमांडर को एक मुठभेड़ में मार गिराया था। इससे पहले महासचिव बसवराज को गरियाबंद में ढेर किया गया था और चलपति दामोदर भी मारा गया। इन कार्रवाइयों ने नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है। यही वजह है कि नक्सली अब सीधे मुठभेड़ से बचकर छिपकर हमला करने की रणनीति अपना रहे हैं।

IED बिछाकर फैलाया जा रहा है खौफ

नक्सली अब सड़कों और ग्रामीण इलाकों में प्रेशर IED बिछाकर सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। इससे न सिर्फ पुलिस बल खतरे में है बल्कि स्थानीय ग्रामीणों की जान भी जोखिम में पड़ गई है। IED ब्लास्ट के ऐसे मामलों से यह साफ हो रहा है कि नक्सली अब सीधे टकराव से डरते हैं, लेकिन पीठ पीछे वार करने में जुटे हुए हैं।

सुकमा जैसी संवेदनशील जगह पर, वह भी CRPF कैंप से सिर्फ 1 किलोमीटर दूर आईईडी ब्लास्ट हो जाना सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। अगर यह क्षेत्र भी सुरक्षित नहीं रहा, तो आने वाले दिनों में सुरक्षाबलों को अपनी रणनीति और अधिक चौकस और तकनीकी रूप से सुसज्जित बनानी होगी।

शहीद ASP की बहादुरी को नमन

ASP आकाश राव गिरिपुंजे एक जांबाज और जिम्मेदार अधिकारी थे। उनकी शहादत ने यह साबित कर दिया कि देश की रक्षा के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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