मेडे कॉल, इंजन की गड़गड़ाहट और पायलट की लास्ट आवाज़ें...क्रैश हुए विमान के कॉकपिट का वॉइस रिकॉर्डर मिला

punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 02:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 274 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें विमान में सवार 241 लोग और जमीन पर 33 लोग शामिल हैं। यह हादसा 12 जून 2025 को दोपहर 1:30 बजे के आसपास हुआ, जब बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरी और कुछ ही मिनटों बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया। इस भीषण हादसे में केवल एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश, ही जीवित बच सके।
 
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की अहमियत
इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) को मलबे से बरामद किया गया है। यह डिवाइस पायलटों की बातचीत, रेडियो संचार और कॉकपिट की अन्य आवाज़ों को रिकॉर्ड करता है, जो दुर्घटना के समय की घटनाओं को समझने में मदद कर सकता है।

 इंजन की गड़गड़ाहट से लेकर सिस्टम फेल्योर तक-हर आवाज़ CVR में कैद
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) विमान के भीतर होने वाली हर अहम गतिविधि की आवाज़ को रिकॉर्ड करता है-चाहे वह इंजन की आवाज़ हो, लैंडिंग गियर की हलचल, किसी तकनीकी गड़बड़ी का संकेत हो या विमान की गति में अचानक बदलाव। यही नहीं, पायलट्स के बीच की बातचीत और कॉकपिट में होने वाली अन्य सूचनात्मक गतिविधियां भी इसमें कैद होती हैं।

ऐसे में, जब पायलट ने आखिरी बार 'मेडे' कॉल दिया था, उस समय के चंद सेकंड या मिनटों की रिकॉर्डिंग इस बात का सुराग दे सकती है कि उस क्षण विमान में क्या-क्या घटनाएं घट रही थीं। कौन-सी तकनीकी या अन्य आपात स्थितियां सामने आईं, जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ—इन सवालों के जवाब इसी रिकॉर्डिंग के माध्यम से मिल सकते हैं।
 
संभावित कारण: इंजन विफलता और RAT का सक्रिय होना
नवीनतम वीडियो फुटेज में विमान के दाहिने पंख के नीचे राम एयर टर्बाइन (RAT) के सक्रिय होने का संकेत मिलता है। RAT एक आपातकालीन उपकरण है जो दोनों इंजन के विफल होने या विद्युत/हाइड्रोलिक प्रणालियों के खराब होने पर सक्रिय होता है। इसका सक्रिय होना यह दर्शाता है कि विमान में दोनों इंजन विफल हो गए थे, जिससे पायलटों के लिए नियंत्रण बनाए रखना अत्यंत कठिन हो गया।

जांच और आगे की कार्रवाई
भारतीय सरकार ने इस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें केंद्रीय और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अलावा, सभी 34 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच भी शुरू कर दी गई है, जिसमें से आठ विमानों की जांच पहले ही की जा चुकी है। एयर इंडिया ने दुर्घटना के बाद फ्लाइट नंबर AI 171 और उसकी प्रतिवर्ती AI 172 को स्थायी रूप से रिटायर कर दिया है और नए नंबर AI 159 और AI 160 का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
 
परिवारों को मुआवजा और सहायता
टाटा समूह, जो एयर इंडिया का संचालन करता है, ने मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, घायल यात्री के इलाज के लिए भी सहायता प्रदान की जा रही है। भारतीय चिकित्सा संघ ने मृतक और घायल मेडिकल कॉलेज के छात्रों के परिवारों को भी मुआवजा देने की अपील की है।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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