क्या इस बार दो दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन? जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 06:39 AM (IST)

नेशनल डेस्कः रक्षाबंधन हिन्दू धर्म का एक पावन और भावनात्मक त्योहार है, जिसे भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और रक्षा के वचन का प्रतीक माना जाता है। हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व इस बार एक विशेष संयोग लेकर आया है। लेकिन इस साल रक्षाबंधन की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है — कुछ लोग इसे 8 अगस्त तो कुछ 9 अगस्त 2025 को मान रहे हैं।
कब है रक्षाबंधन 2025?
ज्योतिषाचार्य पंडित के अनुसार:
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पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे
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पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक
पंचांग की गणना और उदया तिथि के अनुसार रक्षाबंधन 9 अगस्त (शनिवार) को ही मनाया जाएगा, क्योंकि हिन्दू धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व होता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
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शुभ समय: सुबह 5:45 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक
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कुल मुहूर्त अवधि: 7 घंटे 37 मिनट
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खास बात यह है कि इस बार भद्रा का साया नहीं है, यानी बहनें बिना किसी अशुभ प्रभाव के पूरे मुहूर्त में राखी बांध सकती हैं।
इस रक्षाबंधन पर बन रहे हैं ये तीन शुभ योग
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सर्वार्थ सिद्धि योग – किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए उत्तम
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सौभाग्य योग – शुभता, सफलता और सौभाग्य की वृद्धि
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शोभन योग – समृद्धि और आनंद का सूचक
इन शुभ योगों का निर्माण रक्षाबंधन को और भी पवित्र और फलदायक बना देता है।
रक्षाबंधन का धार्मिक और सामाजिक महत्व
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इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, तिलक करती हैं, मिठाई खिलाती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
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भाई, बदले में, जीवनभर बहन की रक्षा का वचन देता है और उसे उपहार भी देता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का पर्व नहीं है, बल्कि यह रक्षा, कर्तव्य और विश्वास का भी प्रतीक है। यह त्योहार पारिवारिक एकता, आत्मीयता और प्रेम को मजबूती प्रदान करता है।
पौराणिक संदर्भ
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श्रीमद्भागवत और विष्णु पुराण में रक्षाबंधन का उल्लेख मिलता है।
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द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को राखी बांधी थी, और कृष्ण ने उसे चीरहरण के समय उसकी रक्षा की थी।
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राजा बलि और लक्ष्मी जी की कथा भी रक्षासूत्र की पवित्रता को दर्शाती है।