बाढ़ से कितना हुआ नुकसान? PM मोदी को रिपोर्ट सौंपेंगे शिवराज, बोले- किसानों संग खड़ी है केंद्र सरकार
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 10:52 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि वह पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य में बाढ़ की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे। चौहान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं पंजाब में हुए नुकसान की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपूंगा। संकट बड़ा है लेकिन केंद्र सरकार इस संकट से उबरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।''
कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे पंजाब में बाढ़ की वजह से फसलें नष्ट हो गई हैं और संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सुनियोजित पुनर्निर्माण की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि राज्य को उबारने में मदद के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियों की जरूरत है। बाढ़ के बाद की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए चौहान ने कहा कि बाढ़ का पानी उतरने पर बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल सकता है लिहाजा सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘मृत पशुओं का सुरक्षित निपटान करना होगा ताकि बीमारी न फैले। खेतों में गाद जमा हो गई है, उसे हटाने की योजना बनानी होगी ताकि अगली फसल खतरे में न पड़े।'' कृषि मंत्री ने भीषण बाढ़ के लिए सतलज, व्यास, रावी और घग्गर नदियों के किनारे बने तटबंधों के कमज़ोर होने को आंशिक रूप से जिम्मेदार ठहराया, जो अवैध खनन गतिविधियों के कारण कमजोर हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब उन ढांचों को मजबूत करना जरूरी है ताकि पंजाब को भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचाया जा सके।''
चौहान ने पीड़ितों को भोजन, कपड़े और दवाएं उपलब्ध कराने वाले हजारों समाजसेवियों की सेवा भावना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘आपदा की इस घड़ी में न केवल पंजाब, बल्कि पड़ोसी राज्यों के लोगों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। एकता और सेवा की यह भावना हमें बड़े से बड़े संकट से भी उबरने की शक्ति देती है।''
पंजाब सरकार ने भारी बारिश और नदियों के उफान के बाद सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है। लगभग 1,48,590 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और 1,400 से ज़्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं जिससे 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। गुरदासपुर इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है जिसके 324 गांव चपेट में हैं। उसके बाद अमृतसर (135 गांव) और होशियारपुर (119 गांव) का स्थान है। केंद्र सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए दो आकलन दल तैनात किए हैं।