बेटी ने देख लिया मां का अश्लील वीडियो, फिर पत्नी ने ''क्राइम पेट्रोल'' से सीखा प्लान... ''दृश्यम'' देखकर कर डाली हत्या!
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 07:38 AM (IST)

नेशनल डेस्क: गुरुग्राम से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की मर्यादा और इंसानियत दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक शख्स ने अपने ही सबसे करीबी दोस्त के हाथों अपनी जान गंवा दी - और हैरानी की बात यह है कि इस हत्या की साजिश रची गई उसकी अपनी पत्नी के साथ मिलकर। इस क्राइम की स्क्रिप्ट कोई आम नहीं, बल्कि फिल्मी स्टाइल में तैयार की गई थी।
रिश्ते हुए तार-तार, दोस्त ने की दोस्त की हत्या
गुरुग्राम में रहने वाले विक्रम, जो कि एक गारमेंट एक्सपोर्ट कंपनी में कॉन्ट्रैक्टर के रूप में काम करते थे, अचानक 26 जुलाई 2025 को लापता हो गए। वह सुबह काम पर निकले थे, लेकिन फिर वापस नहीं लौटे। तीन दिन बाद जब कोई सुराग नहीं मिला, तो पत्नी सोनी देवी ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। परिवार वालों को सोनी के व्यवहार पर शक हुआ, और जब उससे सवाल पूछे गए, तो उसने विक्रम के ही दोस्त और पड़ोसी रविंद्र पर हत्या और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा दिया।। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, चौंकाने वाले खुलासे होने लगे। पुलिस ने रविंद्र को हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की, तो सच सामने आ गया। रविंद्र और विक्रम की पत्नी सोनी के बीच अवैध संबंध थे।
दरअसल, विक्रम की बेटी ने एक दिन रविंद्र के फोन में उसकी मां यानी सोनी के साथ आपत्तिजनक वीडियो देख लिए थे और यह बात अपने पिता को बता दी थी। बस फिर क्या था — रिश्ते की शर्म और समाज में बदनामी के डर से दोनों ने मिलकर विक्रम को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।
फिल्मी अंदाज़ में बनाई हत्या की स्क्रिप्ट
विक्रम को मारने की पूरी प्लानिंग किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं थी। सोनी और रविंद्र ने हत्या से पहले 'दृश्यम' मूवी और क्राइम पेट्रोल के कई एपिसोड देखे ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके और कोई सुराग न छूटे। रविंद्र ने अपने तीन दोस्तों मनीष, फरियाद और एक अन्य की मदद से विक्रम को अगवा किया और रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को मोहम्मदपुर गांव में एक सुनसान जगह पर पहले से तैयार गड्ढे में दफना दिया गया।
चाचा ने खुद खोदी कब्र
इस साजिश में रविंद्र का चाचा संतरपाल भी शामिल था, जो पशुपालन का काम करता था। उसने गड्ढा खुद खोदा और हत्या के बाद शव को दफनाने में मदद की। यह सब कुछ सोनी की जानकारी में था, जो हर कदम पर फोन के जरिए निर्देश देती रही।
पुलिस को गुमराह करने की नाकाम कोशिश
हत्या के बाद सोनी ने विक्रम की गुमशुदगी दर्ज कराई और कुछ दिनों बाद रविंद्र पर बलात्कार का झूठा केस दर्ज कराया ताकि जांच भटक जाए। लेकिन पुलिस को उसके बयानों में विरोधाभास नजर आया। जब रविंद्र से गहन पूछताछ हुई, तो उसने सब कुछ उगल दिया। रविंद्र की निशानदेही पर शव बरामद हुआ और फिर पुलिस ने मनीष और फरियाद को भी मेरठ से गिरफ्तार कर लिया। मनीष एक फूड स्टॉल चलाता था और फरियाद बाइक मरम्मत का काम करता था। दोनों ने अपराध कबूल कर लिया है।