नीला ड्रम कांड: पति की हत्या कर जेल पहुंचे प्रेमी-प्रेमिका, अब बेटी को देखने को लेकर उठा नया सवाल!
punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 05:50 PM (IST)
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के चर्चित नीला ड्रम हत्याकांड में जेल में बंद मुस्कान ने अपनी नवजात बेटी को प्रेमी साहिल को दिखाने की इच्छा जताई है। मुस्कान और साहिल दोनों ही अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या के मामले में मेरठ जेल में निरुद्ध हैं। कुछ दिन पहले मुस्कान ने जेल में ही एक बच्ची को जन्म दिया था, जिसका नाम राधा रखा गया है।
मुस्कान की मांग, लेकिन जेल प्रशासन का इंकार
मुस्कान ने जेल प्रशासन से कहा कि वह अपनी बेटी का चेहरा साहिल को दिखाना चाहती है। लेकिन जेल नियमावली के अनुसार, बंदियों की आपस में इस तरह मुलाकात का कोई प्रावधान नहीं है। इसी वजह से जेल प्रशासन ने उसकी मांग मानने से इनकार कर दिया।
माना जा रहा है कि गुरुवार को होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुस्कान अपनी बेटी को साथ लेकर अदालत की पेशी में शामिल हो सकती है, जहां साहिल बच्ची को देख सकता है। इस पर अंतिम फैसला अदालत के निर्देश पर निर्भर करेगा। मां और बेटी की लगातार मेडिकल निगरानी जेल के अंदर डॉक्टरों की एक टीम ने मुस्कान और उसकी बच्ची राधा की स्वास्थ्य जांच की है। दोनों स्वस्थ हैं। मुस्कान रोज़ दो-तीन घंटे तक बेटी को धूप में बैठाती है और जेल की महिला बंदी भी बच्ची की देखभाल में मदद कर रही हैं।
क्या है नीला ड्रम कांड?
➤ घटना 3 मार्च 2025 की रात की है।
➤ ब्रह्मपुरी क्षेत्र के इंदिरा नगर में मुस्कान ने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की हत्या कर दी थी।
➤ सौरभ को पहले नशीला पदार्थ दिया गया, फिर सीने में चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया गया।
➤ बाद में लाश के टुकड़े किए गए और उसे नीले ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया गया।
➤ 18 मार्च को पुलिस ने केस का खुलासा किया और 19 मार्च से मुस्कान और साहिल जेल में हैं।
➤ हत्या मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में जारी है।
गवाही अंतिम चरण में, जल्द आ सकता है फैसला
सौरभ हत्याकांड में 14 गवाह एवं मुख्य विवेचक की गवाही पूरी हो चुकी है। गुरुवार को दूसरे विवेचक की गवाही होने की संभावना है।
मुख्य गवाहों के बयान पूरे हो जाने के बाद अब केस तेजी से अंतिम चरण में पहुँच रहा है। माना जा रहा है कि अदालत जल्द फैसला सुना सकती है।
मुस्कान को मिल सकती है 6 माह की पैरोल
कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, नवजात बच्चे की देखभाल कर रही महिला बंदी को छह महीने तक की पैरोल मिल सकती है बशर्ते उसके वकील द्वारा याचिका दायर की जाए। मुस्कान की ओर से अभी तक पैरोल के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है। परिवार का कोई सदस्य भी उससे मिलने नहीं आया है, इसलिए मुस्कान फिलहाल बेटी के साथ ही जेल में रह रही है।
