श्रद्धा की शिकायत के बाद भी क्यों नहीं हुआ आफताब पर एक्शन? पूर्व पुलिस अधिकारी ने खड़े किए सवाल

punjabkesari.in Thursday, Nov 24, 2022 - 06:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि पालघर जिले में पुलिसकर्मियों को श्रद्धा वालकर द्वारा 2020 में दर्ज कराई गई शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए था, जिसमें उसने अपने ‘लिव-इन पार्टनर' आफताब पूनावाला पर उसकी हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया था और यह आशंका जताई थी कि वह उसके टुकड़े-टुकड़े कर देगा। उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद, स्थानीय पुलिस को बयान दर्ज करना चाहिए था और आरोपी के खिलाफ एक मामला दर्ज कर विषय की जांच करनी चाहिए थी।

हालांकि, कुछ अन्य सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा कि चूंकि वालकर ने अपना शिकायत पत्र वापस ले लिया था, इसलिए पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वह उसके बाद ज्यादा कुछ नहीं कर सकती थी। इस साल मई में, वालकर (27) की पूनावाला ने दिल्ली में कथित तौर पर हत्या कर दी। पूनावाला ने वालकर की गला घोंट कर हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिये, जिन्हें कई दिनों तक शहर के विभिन्न हिस्सों में फेंकने से पहले उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित अपने आवास पर करीब तीन हफ्ते तक एक फ्रिज में रखा था।

श्रद्धा ने दो साल पहले दर्ज कराई थी शिकायत 
बुधवार को पुलिस ने कहा था कि वालकर ने नवंबर 2020 में पालघर के वसई स्थित तुलिंज पुलिस थाना में एक शिकायत दी थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि पूनावाला उसकी हत्या करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जब स्थानीय पुलिस ने वालकर से संपर्क किया तो उसने शिकायत वापस लेते हुए कहा था कि उसके और पूनावाला के बीच विवाद सुलझ गया है। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य सरकार इसकी जांच कराएगी कि वालकर की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की।

जो खुद यह संकेत देता है कि वह दबाव में थी
पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रेम कृष्ण जैन ने कहा, ‘‘ महिला(वालकर) ने एक हस्तलिखित शिकायत के साथ तुलिंज पुलिस से संपर्क किया था, इसलिए वे उसका बयान दर्ज कर सकते थे और उसके लिव-इन पार्टनर पूनावाला के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करते।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह पुलिस का कर्तव्य है कि वह मामला दर्ज करे और कानून के मुताबिक उसकी जांच करे।'' उन्होंने कहा कि वालकर ने 20 दिन बाद अपनी शिकायत वापस ले ली थी, जो खुद यह संकेत देता है कि वह दबाव में थी। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि किन कारणों से पुलिस ने उसकी शिकायत की शुरूआत में जांच नहीं की।

शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए था
महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डी. शिवनंदन ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए था और उपयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस पूनावाला को तलब कर सकती थी और उसके खिलाफ कार्रवाई करती।'' उन्होंने कहा कि चूंकि वालकर ने खुद पुलिस को बताया कि उसके और पूनावाला के बीच विवाद सुलझ गया है तथा वह शिकायत को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है, ऐसे में यह पुलिस की गलती नहीं है। शिवनंदन ने कहा, ‘‘यदि शिकायतकर्ता दृढ़ नहीं है, तब पुलिस इस तरह के मामलों में कुछ नहीं कर सकती क्योंकि वालकर और पूनावाला के बीच प्रेम संबंध थे।''

जानें क्या बोले पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित
राज्य के पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित ने कहा, ‘‘यदि कोई महिला शिकायत के साथ पुलिस थाने जाती है तो उन्हें उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। उन्हें इसका गंभीर संज्ञान लेना चाहिए और मामले की छानबीन के लिए उसके साथ एक पुलिसकर्मी को भेजना चाहिए।'' दीक्षित ने कहा कि सरकार को भी निर्देश जारी करना चाहिए कि घरेलू हिंसा की सभी शिकायतों में चार घंटे के अंदर पुलिसकर्मी मौके पर भेजे जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वालकर के मामले में, एक पुलिस उपनिरीक्षक ने शिकायत मिलने के बाद दो-तीन बार उसे फोन किया, लेकिन तब तक उसे एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। अस्पताल के अधिकारियों ने भी पुलिस को उसके बारे में सूचना नहीं दी।''

शिकायत में लगाए थे ये आरोप 
उन्होंने कहा कि पुलिस तीन हफ्ते बाद वालकर के आवास पर गई, लेकिन उस वक्त पूनावाला के माता-पिता ने उसे (वालकर को) आश्वस्त किया कि उनका बेटा उससे शादी कर लेगा, जिसके बाद उसने अपनी शिकायत वापस ले ली। वालकर ने तुलिंज पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था, ‘‘आज उसने मेरा गला घोंटकर मारने की कोशिश की। मुझे उसने धमकी दी कि वह मुझे मार डालेगा, मेरे टुकड़े-टुकड़े कर फेंक देगा। वह पिछले छह महीने से मेरे साथ मारपीट कर रहा है। लेकिन मुझमें पुलिस के पास जाने की हिम्मत नहीं थी क्योंकि उसने मुझे जान से मारने की धमकी दी थी।'' शिकायत में कहा गया था, ‘‘उसके (पूनावाला के) माता-पिता जानते हैं कि वह मुझे पीटता है और उसने मुझे जान से मारने की कोशिश की।''


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Content Editor

rajesh kumar

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