आखिर क्यों हो रही हैं भारत के कुछ राज्यों में कोरोना से ज्यादा मौतें, पढ़ें रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, Apr 27, 2020 - 08:53 PM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। भारत में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और गुजरात से सामने आए हैं। महाराष्ट्र में अब तक 8,068 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 342 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीँ गुजरात में कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़कर 3,301 हो गये हैं और इनमें से 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

गुजरात में बढ़ते मामलों पर विशेषज्ञों का कहना है कि यहां बढ़ते मामलों की वजह कोरोना परिवर्तित रूप यानी एल-स्ट्रेन वायरस भी हो सकता है। ये कोरोना वायरस का ही टाइप है लेकिन यह अधिक तेजी से शरीर में फैलता है और बीमार की जान ले लेता है।

ऐसे ही कुछ मामले मध्यप्रदेश के इंदौर में भी देखने को मिले है। अकेले इंदौर में ही 1207 मामले हैं, जबकि एमपी में अब तक 2,096 कोरोना पॉजिटिव मामले दर्ज किए गये हैं जिनमें से 99 लोगों की मौत हो चुकी है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
मध्यप्रदेश के इंदौर से सामने आए कुछ मामले और गुजरात में बढ़ती मौतों के बारे में दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (GBRC) के निदेशक जीसी जोशी बताते हैं कि उन्होंने कोरोना संरचना की डीकोडिंग की है, जिसमें उसके तीन म्यूटेशन पाए गए हैं।

वो बताते हैं कि गुजरात में फैला वायरस भी एल-स्ट्रेन टाइप हो सकता है। ये वही वायरस है जिसके कारण चीन के वुहान में लोग तेजी से मर रहे थे। मुमकिन है कि यह वही और इसलिए भी गुजरात और इंदौर में मौतें तेजी से हो रही है।

वहीँ बताया जा रहा है कि इसकी पुष्टि करने के लिए नमूने जांच के लिए राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे जा रहे हैं ताकि एल-स्ट्रेन की पुष्टि हो सके।

कोरोना के तीन स्ट्रेन
यहां आपको ये भी बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के तीन स्ट्रेन देखे गये हैं। जिनमें से दो एल-स्ट्रेन और एस-स्ट्रेन, सबसे ज्यादा घातक हैं। बताया जाता है कि इनमें से भी सबसे खतरनाक एल-स्ट्रेन है, जो वुहान से आया है। इसी की वजह से वुहान में तेजी से मौतें हुई।

विशेषज्ञों की माने तो एस-स्ट्रेन का वायरस एल-स्ट्रेन के म्युटेशन से बना है। ये एल की अपेक्षा कम खतरनाक है। इससे जुड़ी एक बात यह भी सामने आई है कि केरल से सामने आए ज्यादातर कोरोना मरीज दुबई से आए थे जो एस-स्ट्रेन हैं और शायद इसलिए वहां कम जाने गईं।

दोनों खतरनाक लेकिन...
वहीँ, दूसरी तरफ, गुजरात में अमेरिका से ज्यादातर लोग लौटे, जहां एल-स्ट्रेन है। इसलिए गुजरात में मौत का आंकड़ा बढ़ा। संभावना है कि महाराष्ट्र में भी यही हुआ हो और ये भी हो सकता है कि जहां भी मौत के मामले समाने आए हैं वहां यही एल-स्ट्रेन रहा हो।

हालांकि इन अंदेशों की पुष्टि विशेषज्ञों ने नहीं की है। वो कहते हैं कि दोनों तरह का कोरोना वायरस खतरनाक है। अगर एल-स्ट्रेन जानलेवा है तो एस-स्ट्रेन भी खतरनाक है। वहीँ उन्होंने यह भी मेंशन किया है कि अगर कोई पहले से ही  बीमार है तो एस भी जानलेवा हो सकता है।

 

 


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Chandan

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