‘क्यों हो रहा है भारत‑पाकिस्तान मैच?’: सियासत, विरोध और सरकार की दलीलें
punjabkesari.in Sunday, Sep 14, 2025 - 10:09 PM (IST)

नेशनल डेस्कः एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला रात 8 बजे से शुरू हो गया है। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 128 रनों का लक्ष्य दिया है। यह मुकाबला उन हालिया घटनाओं के बीच हो रहा है, जिनसे देश में भावनाएं बहुत ऊंची हैं — विशेष रूप से अप्रैल में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई और उसके बाद “ऑपरेशन सिंदूर” की कार्रवाई हुई।
विपक्ष का विरोध – क्या कहा जा रहा है
विपक्षी दलों का कहना है कि इस मैच को भारत‑पाकिस्तान के बीच संवेदनशील समय में खेलना राष्ट्रीय भावनाओं का अपमान है। कुछ मुख्य बिंदु ये हैं:
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शिवसेना (UBT) ने कहा है कि यह मैच उन परिवारों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है जिन्होंने पहलगाम में अपने प्रियजनों को खोया।
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‘सिंदूर रक्षा अभियान’ नाम से शिवसेना (UBT) ने आंदोलन की घोषणा की है, जिसमें महिलाएँ अपने sindoor (सिंदूर) के डब्बे इकट्ठा कर प्रधानमंत्री को भेजेंगी, प्रतीक स्वरूप विरोध दिखाने के लिए।
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Aam Aadmi Party (AAP) ने कहा कि मैच भारत‑पाक तनावकाल में इंसानियत व देशभक्ति के नजरिए से गलत है। कुछ लोग विरोध स्वरूप मैच का बहिष्कार कर रहे हैं या क्लबों/रेस्तरांओं को चेतावनी दे रहे हैं कि वे खेल का प्रसारण न करें।
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आदित्य ठाकरे ने BCCI और सरकार पर निशाना साधा है, कहा है कि बॉल‑बैट के पीछे पैसा, अन्याय और राष्ट्रीय हित की अवहेलना हो रही है।
सरकार की मैच को लेकर दलील
एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर सरकार ने साफ किया है कि 'खेल और ऑपरेशन सिंदूर' दो अलग-अलग मुद्दे हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मैच के विरोध करना उन खिलाड़ियों के साथ अन्याय है जिन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैच को आयोजित करने के फैसला 'सोच-समझकर' लिया गया है, क्रिकेट की अपनी भावनाएं हैं जो राजनीति से परे हैं। सरकार का कहना है कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुकाबले नहीं खेलेगा, न तो भारत को कोई खिलाड़ी पाकिस्तान जाएगा और न ही पाकिस्तान की टीम भारत आएगी। लेकिन बहुपक्षीय मुकाबले खेले जाएंगे।
कठिनाई और विरोध के स्वर
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विरोध इतना बढ़ चुका है कि कुछ राजनीतिक और सामाजिक समूहों ने होटल‑रेस्तरां प्रबंधकों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने मैच का प्रसारण किया, तो स्क्रीन आदि तोड़ने की कार्रवाई होगी।
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कई लोग यह महसूस कर रहे हैं कि सरकार द्वारा “राष्ट्रवाद” की बात की जा रही है, लेकिन असल में यह निर्णय राजनितिक दबावों, आर्थिक हितों और मीडिया की अपेक्षाओं से प्रेरित है।