टेकऑफ पर क्यों होती है Plane Crash की सबसे ज्यादा घटनाएं? जानिए 5 बड़े कारण
punjabkesari.in Friday, Jun 13, 2025 - 11:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क। गुजरात के अहमदाबाद में एक बड़ा विमान हादसा हो गया है. यहाँ एयर इंडिया का एक पैसेंजर प्लेन बोइंग 737 क्रैश हो गया है. हादसे के बाद विमान से आग की बड़ी-बड़ी लपटें उठीं और आसमान में धुएं का गुबार देखा गया जिसकी तस्वीरें बेहद भयावह हैं. इस यात्री विमान में कुल 242 लोग सवार थे.
शुरुआती जानकारी के अनुसार यह हादसा सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुआ है. बताया जा रहा है कि विमान एयरपोर्ट की बाउंड्री से लगकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और यह घटना टेकऑफ (उड़ान भरने) के दौरान हुई. ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर विमानों के साथ टेकऑफ के दौरान इस तरह के हादसे ज़्यादा क्यों होते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण:
उड़ान भरने का समय: सबसे 'क्रिटिकल' वक्त
विमान के उड़ान भरने के समय को विमानन उद्योग में सबसे 'क्रिटिकल' (नाजुक) वक्त माना जाता है. आंकड़ों के अनुसार दुनिया में जितने भी प्लेन हादसे होते हैं, उनका करीब 35 प्रतिशत टेकऑफ या उसके ठीक बाद होता है जबकि उड़ान भरने के बाद यह दर काफी कम हो जाती है. टेकऑफ के वक्त विमान ज़मीन से हाई स्पीड पकड़ता है. इस दौरान पायलट को रनवे, इंजन, मौसम और विमान के सिस्टम पर सबसे ज़्यादा नज़र रखनी होती है क्योंकि इन सभी पर सबसे ज़्यादा दबाव होता है.
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टेकऑफ के दौरान हादसों के मुख्य कारण:
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इंजन का फेल होना: टेकऑफ के वक्त इंजन अपनी अधिकतम क्षमता पर काम कर रहा होता है. ऐसे में इंजन में किसी भी तरह की तकनीकी खामी (जैसे पक्षियों का इंजन से टकराना, ईंधन के दबाव की समस्या या मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट) तुरंत दुर्घटना का कारण बन सकती है.
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पायलट की गलती (मानवीय भूल): पायलट की गलती प्लेन क्रैश का एक बड़ा कारण बन सकती है खासकर टेकऑफ के दौरान. जब पायलट पिच एंगल, स्पीड या रनवे लिफ्ट ऑफ पॉइंट का गलत निर्णय लेता है तो स्थिति गंभीर हो सकती है. टेकऑफ और लैंडिंग के समय सबसे ज़्यादा प्लेन क्रैश मानवीय भूल की वजह से ही होते हैं.
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खराब मौसम: टेकऑफ के दौरान खराब मौसम भी प्लेन क्रैश का एक प्रमुख कारण बनता है. तेज हवाएं, कम विजिबिलिटी (धुंध या कोहरा), थंडरस्टॉर्म (गरज-चमक वाले तूफ़ान) या माइक्रोबर्स्ट (तेज हवा का झोंका) जैसी स्थितियाँ कई बार दुर्घटना का कारण बन जाती हैं. हाल ही में दिल्ली में खराब मौसम की वजह से एक विमान के टर्ब्युलेंस (हवा में तेज़ झटके) में फंसने का वीडियो भी वायरल हुआ था जो मौसम के खतरे को दर्शाता है.
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तकनीकी खराबी: टेकऑफ के वक्त प्लेन क्रैश में तकनीकी खराबी भी अहम भूमिका निभा सकती है. विमान के लैंडिंग गियर, ऑटोथ्रॉटल सिस्टम, हाइड्रोलिक्स या एयरस्पीड इंडिकेटर में कोई भी खराबी क्रैश की वजह बन सकती है. चूंकि टेकऑफ और लैंडिंग के वक्त सुधार का समय बहुत कम होता है इसलिए इन प्रणालियों में किसी भी तरह की खराबी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है.
अहमदाबाद में हुए इस हादसे की जांच जारी है ताकि दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके. यह घटना एक बार फिर हवाई सुरक्षा के महत्व और उड़ान के हर चरण में बरती जाने वाली सावधानी को रेखांकित करती है.