उम्मीदों से विवादों तक: ट्रंप के लिए उथल-पुथल से भरा साल 2025, टैरिफ और आव्रजन ने बिगाड़ा खेल
punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 06:17 PM (IST)
International Desk: साल 2025 की शुरुआत अमेरिका में बड़े राजनीतिक बदलाव और उम्मीदों के साथ हुई थी। चार साल बाद व्हाइट हाउस में लौटे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निर्णायक नेतृत्व और “मेक इन अमेरिका” एजेंडे का वादा किया। लेकिन साल के अंत तक उनका कार्यकाल विवादों, नीतिगत उलझनों और राजनीतिक अस्थिरता में उलझा नजर आया। विदेश नीति के मोर्चे पर ट्रंप ने आक्रामक रुख अपनाया। गाजा युद्ध को समाप्त कराने में उन्हें सफलता मिली, जिसे वे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रहे हैं। हालांकि, यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने की उनकी कोशिशें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने विफल रहीं। यूक्रेन पर दबाव और राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के खिलाफ सार्वजनिक टिप्पणियों ने यूरोपीय सहयोगियों को नाराज कर दिया।
ट्रंप का टैरिफ युद्ध 2025 का सबसे विवादास्पद अध्याय रहा। भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ, रूस से तेल आयात को लेकर चयनात्मक सख्ती और चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ की धमकी ने वैश्विक व्यापार को अस्थिर कर दिया। बाद में चीन के पलटवार और दुर्लभ खनिजों के दबाव में ट्रंप को पीछे हटना पड़ा, जिससे उनकी नीति की सीमाएं उजागर हुईं। घरेलू मोर्चे पर अर्थव्यवस्था के आंकड़े मिले-जुले रहे। शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब बंद हुए और तीसरी तिमाही में जीडीपी 4.3 प्रतिशत बढ़ी। व्यापार घाटा पांच साल के निचले स्तर पर पहुंचा। इसके बावजूद आम अमेरिकी मतदाता महंगाई और जीवन-यापन की लागत से परेशान रहा, जो डेमोक्रेट्स का सबसे बड़ा हथियार बन गया।
आव्रजन ट्रंप का प्रमुख चुनावी मुद्दा था, लेकिन 2025 में यह भी अव्यवस्था का शिकार रहा। अवैध प्रवासियों की धरपकड़ कानूनी अड़चनों में फंसी रही। वहीं H-1B वीजा पर सख्ती, 1 लाख डॉलर फीस और ग्रीन कार्ड में देरी ने कानूनी प्रवास को भी प्रभावित किया। इसके उलट ट्रंप ने 10 लाख डॉलर के ‘गोल्डन वीजा’ का प्रस्ताव पेश किया। सरकार में सुधार के नाम पर एलन मस्क को लाने का प्रयोग भी विफल रहा। एक ट्रिलियन डॉलर बचाने के दावे के बावजूद परियोजना भ्रम और अव्यवस्था में खत्म हुई। इसके साथ ही हजारों अधिकारियों को “वफादारी की कमी” के आरोप में हटाया गया।
एप्सटीन फाइल्स को लेकर ट्रंप का रुख उनके MAGA समर्थकों से टकराव का कारण बना। कांग्रेस में विद्रोह ने रिपब्लिकन पार्टी के भीतर दरार उजागर कर दी। इसी बीच पार्टी को वर्जीनिया और मियामी में चुनावी हार का सामना करना पड़ा, जिससे 2026 के मिडटर्म चुनावों से पहले ट्रंप की चिंता बढ़ गई है। साल के अंत में ट्रंप अब विदेश दौरों से ज्यादा घरेलू रैलियों पर ध्यान दे रहे हैं, जहां वे महंगाई के लिए जो बाइडन को जिम्मेदार ठहराते हैं। लेकिन सवाल यही है क्या 2026 में अमेरिकी मतदाता उनके तर्कों से संतुष्ट होंगे?
