'कोरोना की वैक्सीन शायद कभी नहीं मिले', WHO ने दुनिया को किया सतर्क

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 10:34 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पिछले साल चीन के वुहान से शुरू हुई कोविड-19 महामारी अब तक क़रीब एक करोड़ लोगों को अपना शिकार बना चुकी है वहीं लाखों लोगों को जान ले चुकी है। इस पर काबू पाने के लिए हर देश वैक्सीन बनाने के काम में जुटा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि यह वैक्सीन कोविड-19 से मानव शरीर को बचा सकती है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ऐसा नहीं मानता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस एडोनोम गेब्रिएसस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वैक्सीन से कारोना पूरी तरह से ख़त्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि कोविड-19 की वैक्सीन मिल जाए, लेकिन यह कोरोना के खिलाफ 'रामबाण' नहीं साबित हो सकता। टेड्रोस ने कहा कि कोरोना के इलाज को लेकर हर संभव कोशिश की जा रही है,  कई टीके इस समय क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे फेज में पहुंच चुके हैं और हम उम्मीद करते हैं कि ये संक्रमण को रोकने में मदद करेंगे। 

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टेड्रोस ने कहा कि कई वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में हैं और हम सबको उम्मीद है कि कोई लोगों को संक्रमण से बचाने में कारगर साबित होगी। हालांकि अभी इसकी कोई अचूक दवाई नहीं है और संभव है कि शायद यह कभी नहीं मिले। ऐसे में हम कोरोना को टेस्ट, आइसोलेशन और मास्क के ज़रिए रोकने का काम जारी रखें। WHO ने यह भी कहा कि भारत कोविड-19 के टीके के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और संभावित एंटी-कोविड दवाओं का उत्पादन भी कर रहा है। डब्ल्यूएचओ से जुड़े स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने कहा कि कुल मिलाकर भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक सशक्त योगदान दे रहा है।  उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में उछाल देश के आकार और उसकी जनसंख्या पर निर्भर करता है।

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डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी निदेशक के अनुसार भारत में कोरोना मामलों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन मुझे लगता है कि हमें स्पष्ट रूप से भारत की 130 करोड़ की आबादी को आधार मानकर भारत में मामलों की संख्या को देखना चाहिए। रयान ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के नमूनों का अधिक से अधिक परीक्षण किया जा रहा है। भारत में नमूनों का अच्छी संख्या में परीक्षण किया जा रहा है। पहले ही दो करोड़ परीक्षण किए गए हैं। प्रतिदिन का परीक्षण औसत डेढ़ लाख है। भारत की परीक्षण को लेकर दिखायी जा रही गंभीरता से स्पष्ट है वह देश परीक्षण बढ़ाने के लिए द्दढ़ संकल्प है। 


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vasudha

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