कौन हैं माया टाटा? 34 साल की उम्र में टाटा ग्रुप में बनी चर्चा का केंद्र!
punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 04:21 PM (IST)
नेशनल डेस्क: हाल ही में रतन टाटा के निधन के बाद, टाटा ग्रुप में माया टाटा का नाम तेजी से चर्चा में आ गया है। माया टाटा, जो दिवंगत रतन टाटा की भतीजी हैं, टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन नोएल टाटा और आलू मिस्त्री की बेटी हैं। उनकी उम्र 34 साल है, और उन्होंने टाटा ग्रुप में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाया है। आइए जानते हैं माया टाटा के बारे में और उनके करियर के विभिन्न पहलुओं के बारे में।
शिक्षा का सफर
माया टाटा की शिक्षा ने उन्हें व्यवसायिक दुनिया में मजबूत नींव प्रदान की। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भारत में पूरी की, और फिर उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन का रुख किया। उन्होंने बेयस बिजनेस स्कूल से एमबीए की डिग्री हासिल की, जो कि एक प्रतिष्ठित संस्थान है। इसके अलावा, उन्होंने वारविक यूनिवर्सिटी से भी शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्हें प्रबंधन और व्यवसाय की गहरी समझ मिली। इस शिक्षा ने माया को व्यवसायिक दुनिया में सफलतापूर्वक आगे बढ़ने के लिए तैयार किया।
करियर की शुरुआत
माया टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप के साथ की, जहां उन्होंने टाटा कैपिटल की सब्सिडियरी कंपनी टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड में काम किया। यहाँ उन्होंने निवेश और प्रबंधन से संबंधित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया। उनके कार्य की सराहना की गई, और उन्हें जल्दी ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का अवसर मिला।
टाटा ग्रुप में योगदान
माया टाटा ने अपने करियर के दौरान टाटा ग्रुप में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। विशेष रूप से, उन्होंने टाटा ग्रुप के नए ऐप, Tata Neu, के लॉन्च में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस ऐप के माध्यम से टाटा ग्रुप ने अपने विभिन्न व्यवसायों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया है, जिससे ग्राहकों को एक सुविधाजनक अनुभव प्राप्त हो सके। माया की रणनीतिक सोच और नेतृत्व कौशल ने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रतन टाटा का निधन
गौरतलब है कि बीते बुधवार को, देशभर में शोक की लहर दौड़ गई जब टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हुआ। उन्होंने 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ, और उनके निधन के बाद, उनके उत्तराधिकारियों के रूप में माया टाटा का नाम चर्चा में आया।
माया टाटा का भविष्य
रतन टाटा के निधन के बाद माया टाटा को उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में माना जा रहा था। हालाँकि, हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया। इसके बावजूद, माया टाटा की भूमिका और योगदान टाटा ग्रुप में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। उनकी शिक्षा, अनुभव, और टाटा ग्रुप की संस्कृति की समझ उन्हें एक सफल नेता बनाने के लिए सक्षम बनाती है।
सामुदायिक कार्यों में भी सक्रिय
माया टाटा केवल व्यवसायिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि सामुदायिक कार्यों में भी सक्रिय रही हैं। टाटा ट्रस्ट के माध्यम से, वे विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी करती हैं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। उनके इस योगदान से टाटा ग्रुप की सामाजिक जिम्मेदारी का दायरा भी बढ़ता है।
माया टाटा का सफर अभी शुरू हुआ है, और टाटा ग्रुप की दुनिया में उनके योगदान को सभी बारीकी से देख रहे हैं। उनके पास न केवल उत्कृष्ट शिक्षा और अनुभव है, बल्कि एक मजबूत नेतृत्व कौशल भी है, जो उन्हें टाटा ग्रुप को नई दिशा देने में मदद करेगा। भविष्य में, माया टाटा की भूमिकाएँ और उनके निर्णय टाटा ग्रुप की दिशा और विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे। उनके प्रयासों से, टाटा ग्रुप न केवल व्यापारिक सफलता प्राप्त करेगा, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर रहेगा।