...जब गांधीजी हुए क्रिकेट के दीवाने

punjabkesari.in Tuesday, Oct 03, 2017 - 10:07 AM (IST)

नई दिल्ली: महात्मा गांधी की आत्मकथा से परिचित लोग अवश्य ही जानते होंगे कि जब बापू स्कूली बच्चे थे तब उन्हें शारीरिक अभ्यास बिल्कुल पसंद नहीं था। वहीं क्रिकेट के प्रति उनके अनुराग के बारे में लोगों को कम ही मालूम है। ‘महात्मा ऑफ पीच : गांधी एंड क्रिकेट इन इंडिया’ नामक नई पुस्तक इस बारे में बताती है कि कैसे राष्ट्रपिता इस ब्रिटिश खेल का आनंद लेते थे और उसे उन्होंने गले लगाया जो बाद में भारत के राष्ट्रीय ताने-बाने से जुड़ गया।

कौशिक बंदोपाध्याय की यह पुस्तक महात्मा गांधी के जुनून को बयां करती है। उनके बचपन के एक मित्र के हिसाब से वह क्रिकेट के दीवाने थे। हाई स्कूल में गांधीजी के सहपाठी रतीलाल गेलाभाई मेहता ने उन्हें शानदार क्रिकेटर करार देते हुए कहा, ‘‘कई बार हमने साथ क्रिकेट खेला है और मुझे याद है कि वह बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही अच्छे थे। वैसे उन्हें स्कूल में शारीरिक अभ्यास पसंद नहीं था।’’ हालांकि पुस्तक में खासकर स्कूली दिनों के बाद के जीवन में गांधीजी के क्रिकेट संबंधी सफर के बिरले ही मौके हैं।


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