Pulwama Attack 5th Anniversary : कब और कैसे हुआ था पुलवामा आतंकी हमला? जानें कहां रची गई थी पूरे हमले की साजिश

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2024 - 09:06 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पुलवामा में हुए टेरेरिस्ट अटैक को आज 5 साल पूरे हो गए हैं। 14 फरवरी 2019 को दोपहर करीब 3:00 बजे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक आतंकवादी ने श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी। पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के करीब 40 जवान शहीद हो गए थे। 

क्या हुआ था उस दिन ?
14 फरवरी सुबह जम्मू से 78 बसों से सीआरपीएफ का काफिला श्रीनगर के लिए रवाना हुआ। इस काफिले में 2500 से ज्यादा जवान शामिल थे। आतंकियों के पास सेना के इस काफिले की पुख्ता जानकारी थी। महीनों पहले से हमले की साजिश शुरू की गई और जब 3 बजे काफिला पुलवामा में गुजरा तो आतंकी आदिल अहमद डार काफिले में कार लेकर घुसा। इस कार में 100 किलो से ज्यादा विस्फोटक था। धमाका इतना तेज था कि काफिले की ज्यादातर बसों के शीशे चटक गए थे। कई जवान चोटिल हुए थे। सीआरपीएफ के 76 वें बटालियन के 40 वीर सपूत शहीद हो गए थे। कई किलोमीटर तक हवा में बारूद की गंध घुल गई थी। मंजर इतना खौफनाक था जिसे देखने वाले तक सिहर गए थे। 
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पाकिस्तान में रची गई थी साजिश
पुलवामा हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। NIA ने इस पूरे मामले की जांच की और इसमें बताया गया कि कैसे आईएसआई और पाकिस्तान सरकार की एजेंसियों ने मिलकर हमले का पूरा प्लान बनाया था। इसका मुख्य दोषी माना गया मसूद अजहर और उसे भाइयों अब्दुल राउफ असगर, मौलाना अम्मार अल्वी को। इसके अलावा मोहम्मद इस्माइल, मोहम्मद अब्बास, बिलाल अहमद, शाकिर बशीर के नाम भी शामिल थे। 
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चार्जशीट में बताया गया कि कैसे पाकिस्तान से कश्मीर घाटी में विस्फोटक भेजा गया और यहीं पर अमोनियम नाइट्रेट और नाइट्रो ग्लिसरीन के साथ उसे घातक किया गया। हमले में कश्मीर घाटी के आदिल अहमद डार के अलावा सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान का भी नाम सामने आया था जिसे बाद में सेना ने चुन-चुनकर मारा। यह चार्जशीट 13 हजार से अधिक पन्नों की थी। इसमें कुल 19 आतंकियों के नाम थे, जिनमें से छह को सेना अलग-अलग ऑपरेशनों में मार चुकी है। 
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टुकड़ों में मंगाया गया था RDX
जांच में सामने आया था कि हमले में अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोग्लिसरीन और RDX का इस्तेमाल हुआ था, यह RDX बेहद छोटी-छोटी मात्रा में प्लानिंग के तहत इकट्ठा गया था। इसमें प्रयोग की गई जिलेटिन की छड़ें पहाड़ों और चट्टानों को तोड़ने के लिए इकट्ठा किया गया था वहां से इन्हें चुराया गया था। अमोनियम पाउडर स्थानीय बाजार से खरीदा गया था। एचडी की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमले के लिए 500 से ज्यादा जिलेटिन की छड़े पत्थर की खदानों से चोरी की गई थीं। 

भारतीय वायुसेना के जवाबी हमले में मारे गए थे 300 से अधिक आतंकी
12 दिन बाद 26 फरवरी को रात में तीन बजे भारत ने देशवासियों से किया वादा पूरा किया और 12 मिराज 200 फाइटर जेट्स एलओसी को पार कर पाकिस्तान में घुस गए। भारतीय वायुसेना के जांबाज फाइटर मिराज 2000 लेकर बालाकोट तक गए और खुफिया इनपुट के आधार पर जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस हमले में तकरीबन 300 आतंकी मारे गए थे।  


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Content Writer

Pardeep

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