Earth Rotation: क्या होगा अगर धरती घूमना बंद कर दे?वैज्ञानिकों की डरावनी चेतावनी
punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 09:22 AM (IST)
नेशनल डेस्क: कभी सोचा है—जिस ज़मीन पर आप रोज़ चलते हैं, अगर वही अचानक अपनी गति खो दे तो दुनिया कैसी दिखेगी? हम अक्सर फिल्मों में ग्रहों का विनाश देखते हैं, लेकिन ज़रा कल्पना कीजिए कि वह आपदा किसी और ग्रह पर नहीं, बल्कि यहीं हमारे घर—पृथ्वी—पर घट रही हो। अगर हमारा ग्रह एक पल में घूमना बंद कर दे, तो दुनिया की हर सीमा, हर मौसम और हर नियम पलभर में उलट जाएंगे। सवाल सिर्फ यह नहीं कि तब क्या टूटेगा, असली सवाल है—कौन बचेगा?
धरती की रफ्तार रुकते ही शुरू होगा तबाही का सबसे बड़ा दौर
हमारी पृथ्वी लगातार लगभग 1670 किमी/घंटा की स्पीड से घूमती है। हम इस रफ्तार का एहसास इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि सबकुछ उसी रफ्तार से आगे बढ़ रहा होता है।
लेकिन वैज्ञानिक चेतावनी देते हैं—अगर यह गति अचानक शून्य हो जाए, तो इसका असर किसी विशाल ब्रह्मांडीय विस्फोट से कम नहीं होगा।
ग्रह के रुकते ही:
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धरती की सतह पर मौजूद हर चीज—हवा से लेकर समुद्र तक, इमारतों से लेकर इंसानों तक—अपनी पुरानी गति में आगे फेंक दी जाएगी।
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ऐसा लगेगा जैसे पूरा ग्रह झटके से पटरी से उतर गया हो।
समुद्र बन जाएंगे मौत की लहरें, महाद्वीप बदलेंगे अपना नक्शा
घूर्णन के कारण पानी समुद्रों में संतुलित रहता है। जैसे ही यह घूर्णन खत्म होगा, जलराशि एक तरफ बहने लगेगी।
पहले ही दिन दुनिया भर में:
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100 मीटर तक ऊँची सुनामी बार-बार तटों पर टकराएगी
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एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका के बड़े तटीय शहर बह जाएंगे
लंबे समय में समुद्र भूमध्य रेखा की तरफ खिसककर नए किनारे बनाएंगे और ध्रुवीय क्षेत्रों पर बर्फ का भार और बढ़ जाएगा।
आधे साल का दिन, आधे साल की रात—धरती दो हिस्सों में बंट जाएगी
पृथ्वी के रुकते ही दिन-रात का संतुलन टूट जाएगा।
अब एक दिन होगा:
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6 महीने का सूर्य
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6 महीने की अंधकारमय रात
जहां सूरज लगातार चमकेगा वहां तापमान उबलते पानी से भी ज्यादा, यानी 100°C तक पहुंच सकता है।
और जहां महीनों तक सूरज नहीं उगेगा, वहां तापमान -100°C तक गिर सकता है।
एक तरफ आग का नरक और दूसरी तरफ बर्फ का साम्राज्य।
हवा होगी खून की प्यासा—1700 किमी/घंटा का प्रलय
धरती तो रुक जाएगी, पर वायुमंडल अपनी गति नहीं छोड़ेगा।
इससे हवा की स्पीड:
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1700 किमी/घंटा से भी ऊपर जा सकती है
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ऐसी रफ्तार, जो इंसान तो क्या, पहाड़ों और इमारतों को भी चीर दे
ये तूफान किसी भी ज्ञात प्राकृतिक आपदा से हजारों गुना ज्यादा विनाशकारी होंगे।
क्या कोई बच पाएगा?—आखिरी सवाल
अगर यह घटना अचानक हो जाए, तो वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवित बचना लगभग असंभव होगा।
लेकिन अगर रुकने की प्रक्रिया बहुत धीमी हो:
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पहाड़ी क्षेत्रों में
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भूमिगत सुरक्षित बंकरों में
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अत्यधिक तापमान से दूर इलाकों में
कुछ जीवन के टिके रहने की संभावना मानी जाती है।
समुद्र की गहराइयों में रहने वाले जीव या ध्रुवीय बर्फ के नीचे छिपी प्रजातियाँ भी शायद इस बदलाव को झेल सकें।
