High-Flying Entry: शादी में हेलीकॉप्टर से एंट्री का एक घंटे का किराया जानकर हो जाएंगे हैरान! जानें कितना आता है खर्च?

punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 03:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क। शादियों का सीजन आते ही दूल्हा-दुल्हन की एंट्री को लेकर नए-नए ट्रेंड्स देखने को मिलते हैं। जहां पहले घोड़ी और महंगी गाड़ियों से बारात आती थी वहीं अब हेलीकॉप्टर से एंट्री लेने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अगर आप भी अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए दूल्हे की एंट्री आसमान से कराना चाहते हैं तो न सिर्फ आपको जेब ढीली करनी होगी बल्कि नियम-कानूनों का भी ध्यान रखना होगा।

हेलीकॉप्टर का किराया: कितना आएगा खर्च?

हेलीकॉप्टर किराए पर देने वाली देश में कई प्रमुख कंपनियां मौजूद हैं जिनमें पवन हंस, अरिहंत, ब्लूहाइट्स एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और एयर चार्टर्स इंडिया जैसी कंपनियां प्रमुख हैं।

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किराए का आधार: हेलीकॉप्टर का किराया मुख्य रूप से उसके मॉडल, साइज, सीटों की संख्या और उड़ान की दूरी पर निर्भर करता है।

प्रति घंटे का शुरुआती खर्च: आमतौर पर इसे प्रति घंटे के हिसाब से चार्ज किया जाता है। शुरुआती किराया लगभग ₹50,000 प्रति घंटे से शुरू होता है।

लंबी बुकिंग का खर्च: अगर आप लंबी दूरी या ज्यादा समय के लिए बुकिंग करते हैं तो यह खर्च ₹2 लाख से लेकर ₹10 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा तक पहुंच सकता है।

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किराए के अलावा अन्य जरूरी खर्च

हेलीकॉप्टर का खर्च सिर्फ उसके किराए तक सीमित नहीं रहता है। हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए एक विशेष तैयारी की आवश्यकता होती है जिसमें अतिरिक्त खर्च आता है। हेलीकॉप्टर को जिस जगह उतारना होता है वहां एक लैंडिंग साइट (Helipad) तैयार करनी होती है। इसमें जमीन को समतल करना, 'H' मार्किंग करना और सुरक्षा इंतजाम करने जैसे काम शामिल होते हैं जिसका खर्च ऑपरेटर अलग से वसूलते हैं।

सबसे जरूरी: अनुमति और नियम

हेलीकॉप्टर उतारने और उड़ाने के लिए सरकारी अनुमति लेना सबसे जरूरी है। इसके लिए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force), एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) या स्थानीय प्रशासन से मंजूरी लेनी होती है। अच्छी बात यह है कि आम लोगों को इन औपचारिकताओं की चिंता नहीं करनी पड़ती क्योंकि यह जिम्मेदारी हेलीकॉप्टर कंपनी या ऑपरेटर की होती है।
 


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Content Editor

Rohini Oberoi

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