क्या है योजना आयोग से नीति आयोग तक का सफर ? जानिए पूरी खबर
punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2024 - 03:10 PM (IST)
नेशनल डेस्क : नीति आयोग भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना और नीति-निर्माण संस्था है। इसका उद्देश्य देश की विकासात्मक और योजनाबद्ध गतिविधियों को बेहतर ढंग से संचालित करना और नई नीतियों की दिशा तय करना है। यह संस्थान सरकार के थिंक टैंक के रूप में सेवाएँ प्रदान करेगा और उसे निर्देशात्मक एवं नीतिगत गतिशीलता प्रदान करेगा। नीति आयोग, केन्द्र और राज्य स्तरों पर सरकार को नीति के प्रमुख कारकों के सम्बन्ध में प्रासंगिक महत्वपूर्ण एवं तकनीकी परामर्श उपलब्ध कराएगा। इसमें आर्थिक मोर्चे पर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय आयात, देश के भीतर, साथ ही साथ अन्य देशों की बेहतरीन पद्धतियों का प्रसार नए नीतिगत विचारों का समावेश और विशिष्ट विषयों पर आधारित समर्थन से सम्बन्धित मामले शामिल होंगे।नीति आयोग की स्थापना की प्रक्रिया और इसके कार्यों को विस्तार से समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है:
नीति आयोग की शुरुआत
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स्थापना का उद्देश्य:
- नीति आयोग की स्थापना 1 जनवरी 2015 को की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय योजना आयोग (Planning Commission) को बदलना और उसकी जगह एक अधिक समकालीन और प्रभावी योजना और नीति-निर्माण निकाय की स्थापना करना था।
- योजना आयोग एक योजना आधारित व्यवस्था को संचालित करता था, जबकि नीति आयोग को एक नई और लचीली नीति-निर्माण प्रक्रिया को अपनाने के लिए स्थापित किया गया।
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पारंपरिक योजना आयोग का विघटन:
- योजना आयोग की स्थापना 1950 में हुई थी और यह योजनाओं को तैयार करने, लागू करने और निगरानी करने की जिम्मेदारी निभाता था।
- इसके संचालन की विधियाँ अपेक्षाकृत पुरानी थीं और आधुनिक युग की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही थीं। इसलिए, नीति आयोग की स्थापना की गई।
नीति आयोग के कार्य
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नीति और योजना का विकास:
- नीति आयोग देश की दीर्घकालिक योजनाओं और नीतियों को विकसित करता है। इसका उद्देश्य भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए व्यापक दृष्टिकोण तैयार करना है।
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सर्वेक्षण और अनुसंधान:
- आयोग विभिन्न मुद्दों पर अनुसंधान और सर्वेक्षण करता है ताकि नीतियों की प्रभावशीलता और उनकी जरूरतों की पहचान की जा सके। यह वर्तमान परिदृश्य और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखकर डेटा संचय करता है।
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संविधानिक और संघीय मुद्दों पर सलाह:
- नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देता है। यह केंद्र-राज्य संबंधों को सशक्त करने के लिए भी काम करता है और राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान देता है।
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पारदर्शिता और समन्वय:
- नीति आयोग सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नीतियां समग्र रूप से प्रभावी हों और विभिन्न विभाग एक साथ मिलकर काम करें।
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विकासात्मक कार्यों की निगरानी:
- आयोग विकासात्मक योजनाओं की निगरानी करता है और उनकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करता है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि योजनाएं सही दिशा में कार्यरत हैं और अपेक्षित परिणाम दे रही हैं।
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केंद्रीय बजट पर प्रभाव:
- नीति आयोग का केंद्रीय बजट और विकास योजनाओं पर प्रभाव होता है। यह बजट तैयार करते समय सरकार को दिशा निर्देश और सुझाव प्रदान करता है।
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आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन:
- आयोग आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों की दिशा तय करने के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों की सिफारिश करता है।
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संकट प्रबंधन और सुधार:
- नीति आयोग विभिन्न प्रकार के संकटों, जैसे कि प्राकृतिक आपदाएँ या सामाजिक समस्याएं, के प्रबंधन के लिए सुझाव प्रदान करता है और सुधारात्मक नीतियों को लागू करता है।
नीति आयोग की स्थापना का उद्देश्य भारत की योजनाओं और नीतियों को अधिक गतिशील और प्रभावी बनाना है ताकि देश के विकास की दिशा में तेजी लायी जा सके और अधिक समावेशी और समृद्ध समाज का निर्माण किया जा सके।
आज की बैठक
वहीं आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में शनिवार को नीति आयोग (NITI Aayog) की बैठक चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। वैसे तो इस बैठक में देश के सभी राज्यों के सीएम शामिल होते हैं और केंद्र के विजन को जमीन पर उतारने पर चर्चा करते हैं। हालांकि विपक्षी इंडिया गठबंधन ने 2024 के इस बैठक का बहिष्कार करते हुए इसमें भाग नहीं लेने का ऐलान किया है। जिन राज्यों ने इस बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है वे इस प्रकार हैं- तामिलनाडु, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक। वहीं, बंगाल की सीएम ममता बैठक में भाग लेने दिल्ली पहुंच गई है। साथ ही, इस बैठक में शामिल होने के लिए नॉर्थ ईस्ट के सारे मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं।