हाथ मिलाने के बाद शी जिनपिंग और PM मोदी के बीच क्या हुई थी बात? सरकार ने किया खुलासा
punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2023 - 09:01 AM (IST)

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्रालय ने गुुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले साल बाली में G20 शिखर सम्मेलन में एक डिनर भोज के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता पर बातचीत की थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने जोहानिसबर्ग में दो दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के बीच बैठक के बाद दावा किया था कि राष्ट्रपति शी और पीएम मोदी पिछले साल नवंबर में हुए G20 शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर ‘‘महत्वपूर्ण आम सहमति'' पर पहुंचे थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले साल बाली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित डिनर के अंत में एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर बात की थी।'' यह मई 2020 में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न गतिरोध के बाद से दोनों नेताओं की पहली बार सार्वजनिक मुलाकात थी। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि हमने दृढ़तापूर्वक कहा है कि पूरे मुद्दे के समाधान की कुंजी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को हल करना तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल करना है।''
डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से इतर वांग से मुलाकात की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन के राष्ट्रपति दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, इस पर बागची ने कहा कि भारत सभी आमंत्रित नेताओं की भागीदारी के साथ इसकी सफलता के लिए सभी प्रयास और तैयारियां कर रहा है। अफ्रीकी संघ को G20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह होगा।'' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले पर कुछ भी ठोस कहना जल्दबाजी होगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा इस प्रस्ताव का कथित तौर पर समर्थन किए जाने संबंधी खबरों के बारे में बागची ने कहा कि उन्होंने ऐसी टिप्पणियां नहीं देखी है। उन्होंने कहा कि लेकिन अगर रूस ने (प्रस्ताव का) समर्थन किया है, तो यह अच्छा है।