जयललिता की करीबी शशिकला की AIADMK में एंट्री पर क्या बोले पलानीस्वामी?

punjabkesari.in Sunday, Mar 27, 2022 - 08:16 PM (IST)

नेशनल डेस्कः अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता के पलानीस्वामी ने रविवार को दोहराया कि पार्टी में वीके शशिकला के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि जो मामला पहले ही सुलझ चुका है, उसे कोई भी पुनर्जीवित नहीं कर सकता। अपने सहयोगी और पार्टी समन्वयक ओ पनीरसेल्वम के यह कहने के कुछ दिनों बाद कि उनके मन में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की विश्वासपात्र शशिकला के प्रति व्यक्तिगत रूप से सम्मान है, पलानीस्वामी ने स्पष्ट किया कि अन्नाद्रमुक में उनकी वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है।

सलेम में लानीस्वामी से जब यह पूछा गया कि क्या शशिकला को अन्नाद्रमुक में वापस लिए जाने की संभावना है तो उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें संगठन में शामिल करने के खिलाफ पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर दिया था और बाद में राज्यभर में पार्टी की जिला इकाइयों द्वारा भी ऐसे ही प्रस्ताव पारित किए गए थे। पलानीस्वामी ने याद दिलाया कि उन्होंने और पनीरसेल्वम ने शीर्ष नेतृत्व और जिला इकाइयों द्वारा पारित प्रस्तावों में परिलक्षित अन्नाद्रमुक के इस फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि पार्टी की सिर्फ दो इकाइयों ने इन प्रस्तावों को नहीं अपनाया था, जिनमें थेनी क्षेत्र की एक इकाई शामिल है।

पलानीस्वामी ने कहा, “शशिकला को अन्नाद्रमुक में शामिल करने की कोई गुंजाइश नहीं है। सब खत्म हो चुका है... पहले भी कई बार इस सवाल का जवाब दिया जा चुका है... कोई भी उस मद्दे को नया जीवन नहीं दे सकता, जिसका फैसला लागू किया जा चुका है।” पनीरसेल्वम जहां शशिकला को अन्नाद्रमुक में दोबारा शामिल करने पर विचार करने के पक्षधर माने जाते हैं, वहीं पलानीस्वामी इसका विरोध कर रहे हैं। पलानीस्वामी का जाहिर तौर पर अन्नाद्रमुक में पनीरसेल्वम से बड़ा कद है।

पनीरसेल्वम ने कुछ दिन पहले न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी के नेतृत्व वाले जांच आयोग के समक्ष पेश होते हुए कहा था कि व्यक्तिगत रूप से उनके मन में शशिकला के प्रति सम्मान है। पनीरसेल्वम ने कई अन्य मौकों पर भी संकेत दिया था कि वह शशिकला को पार्टी से दोबारा जोड़ने के प्रस्ताव पर विचार करने के पक्ष में हैं। उन्होंने आयोग से यह भी कहा था कि उन्हें जयललिता की मौत की परिस्थितियों को लेकर ‘कोई संदेह नहीं है' और उन्होंने केवल जनता की राय के मद्देनजर जांच की वकालत की थी। आयोग जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहा है। अन्नाद्रमुक की पूर्व प्रमुख का पांच दिसंबर 2016 को निधन हो गया था।


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Content Writer

Yaspal

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