याददाश्त कमजोर होने की वजह क्या है? AIIMS की डॉक्टर ने बताया दिमाग को कैसे तेज करता है योग
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 06:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आजकल याददाश्त कमजोर होने की समस्या केवल बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि तनावग्रस्त जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। जब व्यक्ति को रोज़मर्रा की बातें, तारीखें, या हाल की घटनाएँ याद रखने में कठिनाई महसूस होती है, तो यह संकेत होता है कि उसकी याददाश्त प्रभावित हो रही है। शुरुआत में यह हल्की भूलने की आदत लगती है, लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या पढ़ाई, कामकाज और निजी जीवन को प्रभावित कर सकती है, साथ ही आत्मविश्वास को भी कम करती है। एम्स (AIIMS) की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने बताया है कि इसके पीछे मुख्य कारण क्या हैं और योग किस तरह से इसमें मददगार साबित हो सकता है।
दो तरह की होती है याददाश्त कमजोर होने की समस्या
डॉक्टर के अनुसार, याददाश्त कमजोर होने की समस्या मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बाँटी जाती है:
➤ शॉर्ट-टर्म (अल्पकालिक) मेमोरी लॉस: इसमें व्यक्ति हाल में हुई बातें जैसे चाबी कहाँ रखी, किसी का नाम क्या था, या दिनभर के छोटे काम तुरंत भूलने लगता है।
➤ लॉन्ग-टर्म (दीर्घकालिक) मेमोरी लॉस: इसमें पुरानी घटनाएँ, रिश्तेदारों के नाम या बीते समय की बातें याद करने में परेशानी होती है।
➤ लक्षणों में बार-बार एक ही सवाल पूछना, बातों को दोहराना, फोकस न कर पाना, और काम में गड़बड़ी होना शामिल है।
खानपान और लाइफस्टाइल: दिमाग के दुश्मन
डॉ. रीमा दादा बताती हैं कि हमारी याददाश्त कमजोर होने में डाइट और लाइफस्टाइल की बहुत बड़ी भूमिका होती है। दिमाग की क्षमता को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक ये हैं:
➤ खराब जीवनशैली: नींद की कमी, अधिक तनाव, मोबाइल/स्क्रीन का अत्यधिक इस्तेमाल, और व्यायाम न करना दिमाग को निष्क्रिय बनाते हैं।
➤ असंतुलित खानपान: जंक फूड, अधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड खाने से दिमाग को ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिलते।
➤ पोषक तत्वों की कमी: ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी12 और एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी भी याददाश्त को कमजोर करती है।
➤ नशे की आदतें: शराब और धूम्रपान न्यूरॉन्स को नुकसान पहुँचाते हैं।
➤ मानसिक स्वास्थ्य: डिप्रेशन, एंग्जायटी या थायरॉयड जैसी हार्मोनल समस्याएँ भी याददाश्त पर असर डालती हैं।
याददाश्त बढ़ाने में योग है चमत्कारी
डॉ. रीमा दादा ने बताया कि एम्स में हुई कई रिसर्च से यह साबित हुआ है कि योग करने से अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों को भी काबू में किया जा सकता है। योग न केवल याददाश्त को बेहतर करता है, बल्कि ब्रेन के फंक्शन को भी सुधारता है। इसलिए सभी को अपनी दिनचर्या में योग को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए।
अपनी याददाश्त को ऐसे बनाएँ मजबूत
याददाश्त की कमजोरी से बचने और दिमाग को तेज करने के लिए ये उपाय अपनाएँ:
➤ पर्याप्त नींद: हर रात गहरी और पर्याप्त नींद लें, और रोज़ाना एक निश्चित समय पर सोएँ।
➤ दिमाग को एक्टिव रखें: किताबें पढ़ें, पज़ल्स सुलझाएँ, या नई चीजें सीखने की आदत डालें।
➤ तनाव प्रबंधन: योग, मेडिटेशन या रोज़ाना वॉक को दिनचर्या में शामिल करके तनाव कम करें।
➤ स्वस्थ आहार: अपनी डाइट में ओमेगा-3, विटामिन बी12 और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
➤ बुरी आदतों से दूरी: जंक फूड, शराब और धूम्रपान से पूरी तरह बचें।
➤ स्क्रीन टाइम घटाएँ: मोबाइल और लैपटॉप पर ज्यादा समय बिताने से बचें और दिमाग को आराम दें।
➤ डॉक्टर से सलाह: किसी भी शुरुआती लक्षण पर देरी किए बिना तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।