पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में दीदी बनाम 'दादा' की जंग

punjabkesari.in Wednesday, Jan 13, 2021 - 05:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। इस बार पश्चिम बंगाल के चुनाव पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है। बीजेपी ने ममता दीदी को इस बार तगड़ी चुनौती दी है। दीदी के करीबी नेताओं को एक के बाद एक कर बीजेपी अपने पाले में कर रही है और ममता कैंप में विधानसभा चुनाव से पहले घबड़ाहट का माहौल है। क्योंकि बीजेपी बेहद आक्रामक तरीके से चुनावी तैयारी में जुटी है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में 294 सीट है और यहां बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी राजनीतिक पार्टी को 148 सीट जीतने की दरकार है। यह तो चुनाव के नतीजें है तय करेंगे इस जंग में कौन किसको पछाड़ेगा। 

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ममता बनर्जी के साथ गठबंधन में है गोरखा जनमुक्ति मोर्चा
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा अभी ममता बनर्जी के साथ गठबंधन में है। इस लिहाज से ममता बनर्जी के पास अभी 216 विधायक हैं। सीटों की संख्या के लिहाज से ममता बनर्जी का पलड़ा बेहद भारी नजर आता है। वहीं बीजेपी विधानसभा में दूसरे नंबर की पार्टी है तो वहीं कांग्रेस के पास भी बीजेपी के बराबर ही सीटें हैं। वहीं लंबे वक्त तक पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज रहने वाली सीपीएम की हालत बहुत ही खराब है। अभी विधानसभा में सीपीएम चौथे नंबर की पार्टी है। देखा जाए तो कांग्रेस और सीपीएम ने पिछले विधानसभा चुनाव में मिलकर लड़ा था और इसमें ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ था। 2021 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और सीपीएम के साथ मिलकर चुनाव लडऩे की बात की जा रही है। 

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अमित शाह की धारदार रणनीति से घिरी ममता बनर्जी
राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह की धारदार रणनीति से ममता बनर्जी सियासी तौर पर घिरी हुई नजर आ रही हैं। लेकिन दीदी ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़े संघर्ष के बाद ये मुकाम हासिल किया है इसलिए अभी से ये नहीं कहा जा सकता है कि वह चुनाव हार गई हैं या बीजेपी से पिछड़ गईं हैं। वैसे बीजेपी जिस सधी रणनीति से आगे बढ़ रही है उसमें ममता दीदी की अग्नि परीक्षा होनी तय है। अब देखते हैं कि पश्चिम बंगाल में दीदी और मोदी यानी दादा में से कौन किस पर भारी पड़ेगा। वैसे भी इस बार कोलकाता के चुनावी जंग से देश की राजनीति पर एक बड़ा असर तो पडऩा तय है। 

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जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में लगा रहे जय श्री राम का नारा
पश्चिम बंगाल की राजनीति में उत्तरी बंगाल के सियासी समीकरण का अच्छा खासा असर है। उत्तरी बंगाल के तहत आने वाले 8 जिले में विधानसभा की 54 सीट आती हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो बैटल ऑफ बंगाल का विजेता बनने के लिए उत्तरी बंगाल के इन आठ जिलों में जीत का परचम लहराना जरूरी है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में इस बार आर-पार की लड़ाई चल रही है। बीजेपी की पूरी कोशिश यही है कि ममता बनर्जी के किलेबंदी को किसी ना किसी तरह तोड़ दिया जाए। बीजेपी के सभी बड़े नेता ममता बनर्जी के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में जय श्री राम के साथ जय मां दुर्गा और जय मां काली का नारा लगा रहे हैं। साफ है कि सोनार बांग्ला के मां- माटी और मानुष में रचे बसे इस नारे से भगवा लहराने का मंसूबा बीजेपी ने पाल रखा है। 

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तृणमूल कांग्रेस के साथ है गुरूंग का गठबंधन 
दार्जिलींग,सिलिगुड़ी और कलिमपोंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा यानी जीजेएम का अपना प्रभाव रहा है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो विमल गुरुंग इस इलाके में गोरखालैंड नाम के राज्य को लेकर सियासी लड़ाई लड़ रहे हैं। 12 साल तक बिमल गुरुंग बीजेपी के साथ ही रहे थे, लेकिन 2020 में गुरूंग ने बीजेपी पर गोरखालैंड के अपने वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया और एनडीए से अलग हो गए। 2021 के विधानसभा चुनाव में गुरूंग का ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन है। गुरूंग के साथ ममता के गठबंधन की वजह से दार्जिलींग और कलिमपोंग की छह सीट पर उनका पलड़ा बहुत भारी है। 


आइए जानते हैं इन 8 जिलों में से दार्जीलिंग और कलिमपोंग जिले की विधानसभा सीटों के गुणा गणित पर एक नजर.... 

  • दार्जीलिंग और कलमिपोंगे में एससी और एसटी के लिए रिर्जव हैं 2 सीट
  • अनुसूचित जाति के लिए रिर्जव है मतिगारा-नक्सलबाड़ी सीट  
  • अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है फंसीडेवा सीट
  • कलिमपोंग विधानसभा सीट पर जीजेएम और बीजेपी में होगी टक्कर
  • कलिमपोंग विधानसभा सीट से जीजेएम की सरिता राय हैं एमएलए
  • दार्जीलिंग विधानसभा सीट पर बीजेपी और टीएमसी में होगा मुकाबला
  • कुर्सियांग विधानसभा सीट पर जीत हार के लिए दिग्गजों ने झोंकी ताकत
  • कुर्सियांग विधानसभा सीट पर भी जीजेएम और बीजेपी में होगी टक्कर
  • कुर्सियांग विधानसभा सीट से जीजेएम के रोहित शर्मा हैं एमएलए
  • सिलिगुड़ी विधानसभा सीट पर कब्जे के लिए होगी आर-पार की लड़ाई

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Anil dev

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