गर्मी में बढ़ा वेस्ट नाइल फीवर का प्रकोप, ये हैं इसके लक्षण और ऐसे रखें ध्यान
punjabkesari.in Tuesday, May 28, 2019 - 10:37 AM (IST)
नेशनल डेस्कः केरल के मलप्पुरम जिले में हाल ही में सात वर्षीय एक लड़के की मौत हो गई। बच्चे की मौत की वजह वेस्ट नाइल फीवर बताई जा रही है। वेस्ट नाइल वायरस (WNV) से बच्चे की तंत्रिका तंत्र प्रभावित हुई जिससे दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। बता दें कि वेस्ट नाइल वायरस क्यूलेक्स मच्छर फैलाता है, जो गर्मियों में अधिक सक्रिय रहता है। भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपीआई) के अनुसार, मई 2011 में केरल में तीव्र एंसेफलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप के दौरान, नैदानिक नमूनों में डब्ल्यूएनवी की उपस्थिति की पुष्टि की गई थी, तब से केरल में डब्ल्यूएनवी इंसेफेलाइटिस के मामले नियमित रूप से सामने आते रहे हैं।
गर्मी में अधिक बढ़ता है वेस्ट नाइल फीवर
गर्मियों में वेस्ट नाइल बुखार से मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए इन दिनों खासी सावधानी बरतनी चाहिए। हेल्थ केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल के मुताबिक डब्ल्यूएनवी पक्षियों और मच्छरों के बीच संचरण चक्र के जरिए प्रकृति में बना रहता है और इससे मनुष्य, घोड़े व अन्य स्तनधारी भी संक्रमित हो सकते हैं।

ऐसे फैलता है वेस्ट नाइल फीवर
संक्रमित मच्छरों के काटने से व्यक्ति इस संक्रमण का शिकार होता है। यह वायरस अन्य संक्रमित जानवरों, उनके रक्त या अन्य ऊतकों के संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है। यह अंग प्रत्यारोपण, रक्त आधान यानी ट्रांसफ्यूजन और स्तन के दूध के जरिए से भी हो सकता है। हालांकि आकस्मिक संपर्क के माध्यम से किसी भी मानव से मानव संचरण का मामला सामने नहीं आया है, यह संक्रमण डेंगू या चिकनगुनिया जैसा हो सकता है। मच्छर का चक्र 7 से 12 दिन में पूरा होता है इसलिए अगर पानी को स्टोर करने वाले किसी भी बर्तन या कंटेनर को हफ्ते में एक बार अच्छे से साफ न किया जाए तो यह मच्छर तेजी से फैलते हैं।
WNV के लक्षण
ववेस्ट नाइल फीवर के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द, मितली, उल्टी, त्वचा पर चकत्ते (कभी-कभी) और लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आदि होती है। जैसे-जैसे यह फीवर गंभीर स्टेज पर पहुंचता है तो गर्दन में जकड़न, भटकाव, कोमा, कंपकंपी, मांसपेशियों में कमजोरी और अधरंग हो सकता है।

बचाव
- मच्छरों से बचने के लिए क्रीम का उपयोग करें।
- लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें और घर के अंदर-बाहर मच्छरों को रोकने के लिए छिड़काव आदि करें।
- मच्छर मनी प्लांट के गमले में या छत पर पानी की टंकियों में अंडे दे सकते हैं, अगर वे ठीक से ढके न हों
- छतों पर रखे गए पक्षियों के पानी के बर्तन को हर हफ्ते साफ करें, वर्ना मच्छर उसमें भी अंडे दे सकते हैं।
- रात को सोते समय मच्छरदानी या मॉस्क्यूटो रेपेलेंट का उपयोग करें।

