अंतिम चरण के चुनाव से पहले गरमाया बंगाल, केंद्र- राज्य के बीच बढ़ी तल्खियां

punjabkesari.in Thursday, May 16, 2019 - 02:22 PM (IST)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को होने जा रहे नौ लोकसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार एक दिन पहले गुरुवार को ही समाप्त किए जाने की घोषणा तथा इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयोजित होने वाली दो रैलियों को लेकर केंद्र और राज्य के बीच तल्खियां और बढ़ गई हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के बीच वाकयुद्ध ,भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान भड़की हिंसा के दौरान प्रसिद्ध समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा खंडित किए जाने की घटना के बाद चुनाव आयोग के निर्णय से यहां के राजनीतिक माहौल में जबरदस्त उबाल आ गया है। 

PunjabKesari

चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए देश की भावना को तरजीह दिए बिना ही रविवार को नौ सीटों के लिए होने जा रहे मतदान के लिए 19 घंटे पहले ही चुनाव प्रचार समाप्ति की मियाद तय कर दी। इस बीच प्रधानमंत्री की आज दक्षिणी 24 परगना जिले के मथुरापुर और उत्तरी 24 परगना जिले के दमदम में रैलियां होने जा रही हैं। शाह के रोड शो के दौरान हिंसा की घटनाओं के एक दिन बाद चुनाव आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) राजीव कुमार और मुख्य सचिव अत्रि भट्टाचार्य को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। बनर्जी ने चुनाव आयोग की इस कारर्वाई को अभूतपूर्व, असंवैधानिक, अनैतिक और राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि राज्य की जनता में इससे काफी आक्रोश में है और वे 19 मई को इसका माकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा, एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार की समाप्ति मोदी और भाजपा का निर्णय है। हमें अंधेरे में रखा गया।

PunjabKesari

ममता बनर्जी ने कहा, मैंने कभी किसी संवैधानिक संस्था की आलोचना नहीं की है , लेकिन आज बंगाल और उसकी संस्कृति तथा यहां की जनता के अधिकारों पर हमला हुआ है। मैं इसका जवाब दूंगी। मैं इंसाफ के लिए अंत तक लड़ूंगी और सभी गलत तत्वों का माकूल जवाब दूंगी। उन्होंने कहा, अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग को धमकाया था। क्या यही इसका परिणाम है? बंगाल भयभीत नहीं है। बंगाल को निशाने पर लिया गया , क्योंकि मैं मोदी के खिलाफ बोल रही हूं। चुनाव आयोग का निर्णय अनैतिक और राजनीति से प्रेरित है। प्रधानमंत्री मोदी को 16 मई को दो रैलियों के समय दे दिया गया। उन्हें इस बात का कोई अफसोस नहीं कि विद्यासागर कालेज में क्या हुआ? उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री और शाह 2002 में गुजरात में ऐसा तरीका अपना चुके हैं और अब वे हर जगह ऐसा करने का का प्रयास कर रहे हैं,लेकिन फर्क इतना है कि यह पश्चिम बंगाल है और यहां ममता बनर्जी है। 
 

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Anil dev

Recommended News

Related News