दिल्ली में जल संकट-अतिरिक्त पानी देने से पीछे हटे UP और हिमाचल, हरियाणा ने भी नहीं दिखाई दिलचस्पी

punjabkesari.in Sunday, May 22, 2022 - 04:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश दिल्ली को अतिरिक्त पानी प्रदान करने की योजना से ‘‘पीछे हट'' गए हैं। हरियाणा ने भी राष्ट्रीय राजधानी के साथ पानी के आदान-प्रदान के प्रस्ताव पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से संबंधित प्रस्तावों पर साल 2019 से बात चल रही थी। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य लगभग छह-आठ महीने पहले इन प्रस्तावों से पीछे हट चुके हैं।

 

दिल्ली ने उत्तर प्रदेश के पानी के बदले 14 करोड़ गैलन प्रतिदिन (MGD) उपचारित अपशिष्ट जल प्रदान करने की योजना बनाई थी। एक अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कहा था कि वह मुराद नगर नियामक के जरिए गंगा से 270 क्यूसेक पानी दे सकता है और दिल्ली ने उत्तर प्रदेश से सिंचाई के लिए ओखला से इतनी ही मात्रा में उपचारित अपशिष्ट जल प्रदान करने का वादा किया था। अधिकारी ने कहा कि कई बैठकों और निरीक्षणों के बाद, उत्तर प्रदेश ने लगभग छह महीने पहले हमें पत्र लिखा कि इस विचार को त्याग दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि केंद्र इस प्रस्ताव के पक्ष में था लेकिन उत्तर प्रदेश ने इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने ऐसा करने का कोई कारण नहीं बताया।

 

दिल्ली ने हरियाणा के साथ भी एक प्रस्ताव पर विचार किया, जिसके तहत सिंचाई के लिए 20 एमजीडी उपचारित अपशिष्ट जल के बदले हरियाणा से ‘कैरियर लाइंड कैनाल' (clc) और ‘दिल्ली सब ब्रांच' (DSB) के माध्यम से पानी मांगा गया था। अधिकारी ने कहा, ''हरियाणा ने अभी तक इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं जताई है। अब ऐसा होने की बहुत कम संभावना है।'' इसी तरह दिसंबर 2019 में, हिमाचल प्रदेश ने यमुना के अपने हिस्से के पानी को दिल्ली को 21 करोड़ रुपए प्रति साल के हिसाब से बेचने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत (हरियाणा के यमुना नगर जिले में स्थित) ताजेवाला से दिल्ली तक पानी पहुंचाना था।

 

हालांकि हरियाणा ने यमुना का अपने हिस्से का पानी दिल्ली को बेचने की हिमाचल प्रदेश की योजना का विरोध किया था। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हरियाणा ने तर्क दिया कि उसकी ''नहरों में हिमाचल प्रदेश से दिल्ली तक अतिरिक्त पानी ले जाने की क्षमता नहीं है।'' इसके कारण, हिमाचल प्रदेश भी लगभग छह महीने पहले समझौते से ''पीछे हट गया। एक अधिकारी ने कहा कि हमारे इंजीनियरों ने इन योजनाओं को हकीकत में बदलने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की, लेकिन पड़ोसी राज्य राजनीतिक कारणों से पीछे हट गए। दिल्ली को लगभग 1,200 एमजीडी पानी की आवश्यकता होती है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड लगभग 950 एमजीडी की आपूर्ति करता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News