Ola-Uber के लिए खतरे की घंटी! आ रही ये सरकारी टैक्सी सर्विस, जानें कब से होगी शुरू

punjabkesari.in Monday, Aug 04, 2025 - 01:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देशभर में ओला और उबर जैसी निजी टैक्सी सेवाओं का वर्चस्व जल्द ही चुनौती में बदल सकता है, इन सेवाओं के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। क्योंकि अब भारत का सहकारी क्षेत्र अपनी खुद की टैक्सी सेवा शुरू करने जा रहा है। यह पहल सहकारी समितियों की साझेदारी से तैयार की जा रही है और इसका उद्देश्य यात्रियों को सस्ती, सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा देना है, साथ ही ड्राइवरों को भी बेहतर कमाई और सम्मान दिलाना है।

बिना सरकारी हिस्सेदारी, पूरी तरह सहकारी मॉडल पर आधारित

यह सेवा पूरी तरह से सहकारी समितियों द्वारा चलाई जाएगी और इसमें सरकार की कोई प्रत्यक्ष हिस्सेदारी नहीं होगी। इस परियोजना को 300 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ शुरू किया जा रहा है। इस पहल के तहत बनी संस्था बहु-राज्य सहकारी टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड को 6 जून को रजिस्टर किया गया है। यह संस्था आठ प्रमुख सहकारी संस्थाओं का एक साझा मंच है, जिसमें शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी)

  • भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको)

  • गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (अमूल/जीसीएमएमएफ)

  • कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको)

  • राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी)

  • राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)

  • राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल)

200 ड्राइवर पहले से जुड़ चुके हैं – 4 राज्यों से शुरुआत

अब तक इस सहकारी टैक्सी सेवा से चार प्रमुख राज्यों दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कुल 200 ड्राइवर जुड़ चुके हैं। प्रत्येक राज्य से 50-50 ड्राइवरों ने इस पहल में भागीदारी की है, जिससे इस सेवा को एक सशक्त और संगठित शुरुआत मिली है। यह पहल केवल इन्हीं चार राज्यों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सहकारी समिति देशभर के अन्य राज्यों और सहकारी संगठनों से भी लगातार संपर्क कर रही है ताकि नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा सके और इसे एक अखिल भारतीय सेवा का रूप दिया जा सके।

जल्द ही आएगा अपना देसी टैक्सी ऐप

इस टैक्सी सेवा के लिए एक नया और आधुनिक राइड-हेलिंग ऐप तैयार किया जा रहा है। इसके लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर को चुनने हेतु निविदा जारी कर दी गई है और उम्मीद है कि दिसंबर 2025 तक यह ऐप लॉन्च कर दिया जाएगा। इसके अलावा आईआईएम बेंगलुरु और एक तकनीकी सलाहकार को भी इस परियोजना से जोड़ा गया है जो विपणन रणनीति और संचालन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।

ड्राइवरों को मिलेगा ज्यादा मुनाफा, सवारी को सस्ती सेवा

एनसीडीसी के उप प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता के अनुसार, इस सेवा का सबसे बड़ा लक्ष्य है – ड्राइवरों को उनका हक और ज्यादा कमाई देना, साथ ही यात्रियों को बेहतर, सस्ती और सुरक्षित टैक्सी सेवा उपलब्ध कराना। ओला-उबर जैसे निजी प्लेटफॉर्म जहां कमीशन के नाम पर ड्राइवरों की कमाई का बड़ा हिस्सा ले जाते हैं वहीं यह सहकारी सेवा सहकारी मूल्य निर्धारण मॉडल अपनाएगी जिसमें ड्राइवर खुद मालिक होंगे और मुनाफे में हिस्सेदार भी।

सदस्यता अभियान जारी – जुड़ेगा पूरा भारत

फिलहाल सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें देशभर से और ड्राइवरों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा। चूंकि यह एक अखिल भारतीय प्लेटफॉर्म बनने की दिशा में है इसलिए लक्ष्य है कि हर राज्य से ड्राइवर और सहकारी संगठन जुड़ें ताकि एक सशक्त और आत्मनिर्भर टैक्सी सेवा शुरू की जा सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News