दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ शुरू हुई जंग, वॉर रूम तैयार, सैटेलाइट से रखी जाएगी नजर

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 08:46 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) के तहत 15 अक्टूबर से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में कड़े कदम उठाए जाएंगे। पर्यावरण प्रदूषण (निवारण और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को निर्देश दिया है कि वे राष्ट्रीय राजधानी, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम की सीमा में आवश्यक और आपात सेवाओं को छोड़कर अन्य किसी भी कार्य में डीजल जेनरेटर का उपयोग प्रतिबंधित करें।

प्राधिकरण के प्रमुख भूरेलाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘राजमार्ग और मेट्रो जैसी बड़ी विनिर्माण परियोजनाएं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/प्रदूषण नियंत्रण समितियों को हलफनामा देंगे कि धूल प्रबंधन के लिए वे तय मानदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे।'' प्राधिकरण ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के आपात कदम के रूप में विनिर्माण कार्यों या ट्रकों के परिचालन जैसी आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाने से कोरोना वायरस महामारी के कारण पहले से खराब अर्थव्यवस्था की स्थिति और बिगड़ जाएगी। प्राधिकरण ने एक पत्र में कहा है, ‘‘लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था की हालत वैसे ही अच्छी नहीं है, ऐसे में हम सभी को कोशिश करनी चाहिए कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आपात कदम ना उठाने पड़ें। ऐसे में हमारा संयुक्त प्रयास यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि हालात और ना बिगड़ें।''

सैटेलाइट से नजर रखी जाएगी
सैटेलाइट पर वॉर रूम से नजर रखी जाएगी। देश के अंदर, खास तौर पर दिल्ली के पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उतर प्रदेश में कहां पर कितनी पराली या कूड़ा जलाया जा रहा है। सैटेलाइट के माध्यम से रिपोर्ट का विश्लेषण किया जाएगा।

10 लोगों की टीम की रहेगी नजर
वॉर रूम को संचालित करने के लिए 10 लोगों की टीम बनी है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मोहन जॉर्ज और डॉक्टर बीएल चावला के नेतृत्व में टीम पर्यावरण मंत्री के ओएसडी अनिल गिल्डियाल, डीडीसी की एडवाइजर बीना गुप्ता, रिसर्च फेलो हितेश सैनी व स्वाति शर्मा, एनजीओ ए-पैग के निपुन मात्रेजा व आसिमा अरोड़ा, ट्रेनी इंजीनियर सूरज राय और अमन गुप्ता शामिल हैं। टीम प्रतिदिन रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को सौंपेगी।

वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली में कुल 40 रियल टाइम मॉनिटर लगे हुए हैं, जिसमें से 26 स्टेशन दिल्ली सरकार के हैं। उन्होंने स्क्रीम पर दिल्ली के अंदर वर्तमान में पीएम-10, पीएम-2.5, सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और हवा की गति की स्थिति प्रदर्शित होती रहेगी। 

पता चल सकेगा कि दिल्ली में प्रदूषित हवा किस दिशा से आ रही है और उसकी गति कितनी है? इस आधार पर पता कर सकते हैं कि निचले स्तर पर किस तरफ से प्रदूषण आकर उस क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है।

 

 

 


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Yaspal

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