इस हिंदू मंदिर को लेकर दो देशों में छिड़ी जंग, बॉर्डर पर ताबड़तोड़ फायरिंग... तोपों की गड़गड़ाहट से दहला इलाका
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 03:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देशों, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया है। गुरुवार सुबह से दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर जोरदार फायरिंग कर रही हैं। यह घटनाक्रम ठीक एक दिन बाद हुआ जब सीमा पर हुए लैंडमाइन विस्फोट में 5 थाई सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद थाईलैंड ने कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया और अपने राजदूत को वापस बुला लिया।
कैसे शुरू हुआ संघर्ष?
थाई सेना के मुताबिक, गुरुवार सुबह 7:35 बजे कंबोडियाई ड्रोन को ता मुएन थॉम मंदिर के पास देखा गया। इसके कुछ देर बाद 6 कंबोडियाई सैनिक रॉकेट लॉन्चर और हथियारों से लैस होकर थाई सैन्य अड्डे के करीब पहुंच गए। सुबह 8:20 बजे कंबोडिया ने गोलीबारी शुरू कर दी।
थाई सेना का आरोप है कि कंबोडियाई सैनिक मंदिर के खंडहरों से हमला कर रहे हैं और आसपास के रिहायशी इलाकों में तोपें तैनात कर नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। सुबह 9:40 बजे तक सी सा केट प्रांत में कंबोडियाई सेना ने बीएम-21 रॉकेट भी दागे। इस हमले में एक थाई सैनिक घायल हुआ और तीन नागरिकों को भी चोटें आईं।
कंबोडिया का पलटवार
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोतेका का कहना है कि हमला पहले थाईलैंड की ओर से किया गया था। कंबोडिया ने अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की है। प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि थाई सेना ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिससे जवाब देना जरूरी हो गया।
विवाद की जड़ में क्या है?
- दोनों देशों के बीच 817 किमी लंबी सीमा है, जिसे फ्रांस ने उपनिवेश काल में तय किया था। विवाद का मुख्य कारण प्रीह विहार मंदिर है, जो 11वीं सदी में बना भगवान शिव का मंदिर है।
- 1962 में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने मंदिर पर कंबोडिया का अधिकार माना, लेकिन आसपास की 4.6 वर्ग किमी जमीन पर फैसला नहीं हुआ। 2008 में यूनेस्को ने मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
- 2011 में हुई झड़प में 18 लोग मारे गए थे और हजारों विस्थापित हुए थे। 2013 में इंटरनेशनल कोर्ट ने आसपास की जमीन भी कंबोडिया को दी, लेकिन थाईलैंड ने इस फैसले को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया।
हाल के घटनाक्रम ने बढ़ाया तनाव
मई 2025 में सीमा पर झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। इसके बाद दोनों देशों ने सीमा पर आवाजाही और व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाए। इसी बीच थाई पीएम पैतोंगटार्न शिनावात्रा और कंबोडिया के नेता हुन सेन की फोन कॉल लीक हुई, जिसमें थाई पीएम अपनी ही सेना की आलोचना करती नजर आईं। इस विवाद के बाद उन्हें 1 जुलाई 2025 को पद से निलंबित कर दिया गया।