देश में है एक और गोल्डन टेंपल, अमृतसर से भी दोगुना सोना चढ़ा है इस मंदिर पर, जानें कहाँ है ये चमत्कारी धाम
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब भी ‘गोल्डन टेंपल’ का नाम सामने आता है, तो ज़्यादातर लोगों के दिमाग में अमृतसर स्थित हरमंदिर साहिब ही आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ही एक और ऐसा भव्य स्वर्ण मंदिर मौजूद है, जिसमें अमृतसर के गोल्डन टेंपल से भी दोगुना सोना लगा हुआ है? यह चौंकाने वाली सच्चाई है तमिलनाडु के वेल्लोर में स्थित श्री लक्ष्मी नारायणी स्वर्ण मंदिर की, जिसे श्रीपुरम गोल्डन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। श्री लक्ष्मी नारायणी स्वर्ण मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के वेल्लोर जिले के थिरुमलैकोडी (मलाइकोडी) गांव में स्थित है। यह मंदिर वेल्लोर शहर से केवल 10 किलोमीटर, तिरुपति से 120 किलोमीटर, चेन्नई से 145 किलोमीटर, पुडुचेरी से 160 किलोमीटर और बेंगलुरु से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी नारायणी को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में धन, समृद्धि और शक्ति की देवी मानी जाती हैं। इस मंदिर को देखने से पहले ही इसकी भव्यता और आध्यात्मिकता मन को छू जाती है।
किसने करवाया निर्माण और कब?
इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री शक्ति नारायणी अम्मा ने करवाया, जिन्हें उनके अनुयायी नारायणी अम्मा कहते हैं। मंदिर का निर्माण कार्य 2000 के आसपास शुरू हुआ और 2007 में पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया। इस मंदिर की देखरेख श्री नारायणी पीडम नामक ट्रस्ट द्वारा की जाती है, जो आध्यात्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए काम करता है।
कितना सोना लगा है मंदिर में?
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसमें 1500 किलो सोना लगाया गया है। इसकी तुलना में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में लगभग 750 किलो सोना इस्तेमाल हुआ था, जो कि महाराजा रणजीत सिंह द्वारा मढ़वाया गया था। इस तरह श्रीपुरम गोल्डन टेंपल में अमृतसर के गोल्डन टेंपल से करीब दोगुना सोना उपयोग में लाया गया है। मंदिर का बाहरी हिस्सा और गुम्बद सोने की 9 से 10 लेयर की कोटिंग से सजाया गया है। यह कोटिंग कच्चे सोने की छड़ों को पतली पन्नियों में बदलकर की गई है जिन्हें नक्काशीदार तांबे की प्लेटों पर लगाया गया है। हर कोना, हर दीवार और हर गुंबद पारंपरिक दक्षिण भारतीय मंदिर वास्तुकला को दर्शाता है। मंदिर की सजावट में असंख्य कारीगरों ने भाग लिया और अपने कौशल से इसे एक अद्वितीय दिव्य रूप दिया। मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए एक विशेष पथ बनाया गया है जिसे 'श्री चक्र पथ' कहा जाता है। यह तारे के आकार का मार्ग लगभग 1.8 किलोमीटर लंबा है। इस पथ पर चलते हुए आगंतुकों को हर कदम पर आध्यात्मिक और प्रेरणादायक संदेश पढ़ने को मिलते हैं। यह केवल यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव होता है।
100 एकड़ में फैला है मंदिर परिसर
श्रीपुरम गोल्डन टेंपल का पूरा परिसर करीब 100 एकड़ में फैला हुआ है। इसके चारों ओर हरियाली, बगीचे, जलाशय और मूर्तियाँ हैं जो मंदिर के वातावरण को शांत और दिव्य बनाते हैं। अपने उद्घाटन के बाद से यह मंदिर दुनियाभर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। हर साल लाखों लोग यहां आते हैं और इस दिव्य स्थान की शांति और ऊर्जा का अनुभव करते हैं। इस मंदिर का उद्देश्य केवल पूजा नहीं बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता, ध्यान और समाज सेवा को बढ़ावा देना भी है। श्री नारायणी पीडम ट्रस्ट द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा कार्यों में भी योगदान दिया जाता है।