ग्रामीणों ने गोंडा ट्रेन हादसे को लेकर कहा- आई अचानक आवाज और हर तरफ था धुआं ही धुआं
punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2024 - 07:37 PM (IST)
नेशनल डेस्क : गोंडा में 18 जुलाई को हुए ट्रेन हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए थे, जिन्होंने अधिकारियों के आने से पहले से ही यात्रियों को बाहर निकलने में मदद करना शुरू कर दिया था। दरअसल, रेल हादसा होने पर जोरदार आवाज सुनकर सबसे पहले पिकौरा व कंधईपुर गांव के सुनील, पिंटू समेत कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सुनील व प्रशांत सिंह ने बताया कि जोर से आवाज सुनकर हम सब मौके पर पहुंचे और शीशा तोड़कर करीब एक दर्जन लोगों को बाहर निकाला। हम लोगों ने खटिया से घायलों को एम्बुलेंस तक पहुंचाया। उधर सीपीआरओ रेलवे पंकज सिंह के मुताबिक करीब 30 घंटे गोंडा गोरखपुर अप व डाउन लाइन बाधित थी, लेकिन हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने उच्चधिकारियों की मौजूदगी में लाइनों को ठीक कर रेल संचालन बहाल कराया।
यात्रियों ने सुनाई आपबीती
ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री ने बताया कि अचानक खड़खड़ाहट की आवाज थी और 20 से 25 सेकेंड में सब कुछ हो गया हमको संभलने का मौका भी नही मिला। करीब 1 दर्जन यात्री घायल हुए हम लोग चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रहे थे। वहीं दूसरे यात्री ने बताया कि हम सब कंपार्टमेंट में बैठे थे तभी अचानक आवाज के साथ ट्रेन हिली और जोर से गड़गड़ाहट हुई। ईश्वर की कृपा थी कि हम सुरक्षित हैं पर कई लोग घायल हुए हैं।
ग्रामीणों ने यात्रियों को बाहर निकालकर पिलाया पानी
रेल हादसे की आवाज सुनकर गांव के निवासी सुनील तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि हमारा गांव पटरी के करीब ही स्थित है। सभी लोग बैठे थे जब अचानक तेज आवाज सुनाई दी और धुआं-धुआं हो गया। जब हमने देखा, तो कई बोगी पलटी हुई थीं। हम तुरंत वहां पहुंचे और शीशे को सब्बल से तोड़कर घायलों को बाहर निकाला। उसके बाद हमने सभी को पानी पिलाया और घायलों को खटिया से एम्बुलेंस तक पहुंचाया। दूसरे गांववाले प्रशांत ने बताया कि हमारा गांव घटनास्थल से 2 सौ मीटर की दूरी पर है। हमने तेज आवाज सुनी और तत्काल वहां भाग गए। हमने सभी घायलों को सहायता पहुंचाई और वहा पर एक बॉडी भी थी। यात्री परेशान थे, लेकिन गांववाले उनकी मदद कर रहे थे। हमने 112 नंबर पर फोन कर घटना की जानकारी दी।