धमाका इतना तेज था कि शवों के उड़ गए परखच्चे

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2019 - 10:45 AM (IST)

नई दिल्ली: विजयदशमी के अवसर पर जहां पूरे देश में जश्न का माहौल था वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करावल नगर में रसोई गैस सिलेंडर ब्लास्ट से मातम पसर गया है। जानकारी के मुताबिक करावल नगर के न्यू सभापुर में मंगलवार सुबह एलपीजी रिसाव के बाद मकान में सिलेंडर फटने से हुए हादसे में मां-बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक युवक बुरी तरह जख्मी हो गया। दरअसल घर एलपीजी सिलेंडर से गैस रिसाव हो रही थी। हेमलता ने उसे ठीक करने के लिए मैकेनिक को बुलाया था। रिसाव को ठीक करने के दौरान अचानक आग लगी और रसोई में रखे दो सिलेंडर फट गए। स्थानीय लोगों की मानें धमका इतना जबरदस्त था कि तेज धमाके से आसपास के मकान भी हिल गए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर मोर्चरी भेज दिया। 

दशहरा पूजने के बाद रामश्री बेटी व बच्चों को देने गई थीं प्रसाद...
मंगलवार को हेमलता की मां रामश्री के घर पूजा हुई थी। रामश्री बेटी व बच्चों को प्रसाद देने उनके घर आई हुई थी। लेकिन इसी दौरान हादसा हो गया। रामश्री के परिवार में नौ बच्चे संजय, भूपेंद्र, दीपक, हेमलता, पूनम, सरिता, नीरज, सपना और राखी हैं। दीपक, सपना और राखी अविवाहित हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पूरा परिवार मौके पर पहुंच गया। परिजनों का आरोप है कि मकान में आग लगी रही, दमकल की गाडिय़ां बहुत देर में पहुंची। तब तक शवों की हालत बहुत खराब हो चुकी थी। मां-बेटी की मौत से पूरे परिवार में मातम का माहौल है। जहां एक तरफ बुराई पर अच्छाई की जीत के त्यौहार पर पूरा परिवार खुशियां मना रहा था। हेमलता भी शाम के समय दशहरा में मेला जाने की तैयारी कर रही थी। त्यौहार के दिन हुए हादसा से परिवार में मातम का माहौल है।

पति की मौत के बाद नहीं हारी हिम्मत
पति की मौत के बाद भी हेमलता ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत-मजदूरी कर अपने बच्चों को पालना और पढ़ाना शुरू कर दिया। खुद हेमलता डीएलएफ में एक जींस फैक्टरी में मजदूरी करती थी। हेमलता ने शादी के बाद से ही काफी दुख झेले थे। करीब आठ साल पूर्व जब उसके पति प्रवीन की मौत हुई तो उसके बच्चे छोटे थे। उसके बाद उसने एक किराए का मकान लिया और वह बच्चों का पालन पोषण करने लगी। 

एंबुलेंस की गाडिय़ां भी देरी से पहुंची 
स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग और एंबुलेंस की गाडिय़ों के देर से पहुंचने का आरोप लगाया। लोगों ने शुरूआत में खुद ही आग पर काबू पाने की कोशिश की। जब तक दमकल की गाडिय़ां पहुंची लोग आग पर काबू पा चुके थे। बाद में मौके पर पहुंची दमकल की दो गाडिय़ों ने कूलिंग की हालांकि दमकल के अधिकारी ने गाडिय़ां देर से पहुंचने की बात से इंकार किया है।

शवों के उड़ गए परखच्चे
स्थानीय लोगों का कहना था कि धमाका इतना जबरदस्त था कि हेमलता व रामश्री के शवों के परखच्चे उड़ गए। तेज धमाके से आसपास के मकान भी हिल गए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर सुरक्षित शवगृह में रखवा दिया है। उधर मृतकों के परिजनों ने जीटीबी अस्पताल में हंगामा कर शवों को बिना पोस्टमार्टम के ही लेने की मांग की। पुलिस ने समझाकर परिजनों को शांत करवाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

हालात देख छोड़ दी पढ़ाई
हेमलता के बेटे अरुण ने जब होश संभाला तो उसने मां को मेहनत करते देखकर खुद भी काम करने की बात की। मां ने बहुत मना भी किया, लेकिन उसने नौंवी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। उसने अपना खुद का मकान बनाने और बहन की शादी की चिंता थी। अब अचानक मां की मौत से अरुण बदहवास हो गया। उसका रोते-रोते बुरा हाल था।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Anil dev

Recommended News

Related News