एयर इंडिया हादसे में विजय रूपाणी की हुई थी मौत, हादसे से पहले बोइंग के कॉकपिट में बिताए थे कुछ पल
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 06:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 12 जून 2025 को लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 जब अहमदाबाद से उड़ान भरने के थोड़ी ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, तब यह खबर पूरे देश में सनसनी बन गई। इस हादसे में 242 लोगों की मौत हुई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। इस दुर्घटना में केवल एक यात्री ही जीवित बचा जबकि ज़मीन पर भी 29 लोगों की मौत हो गई। लेकिन इस हादसे से भी पहले, एक रोचक बात यह सामने आई कि विजय रूपाणी कुछ महीनों पहले बोइंग विमान के कॉकपिट का दौरा कर चुके थे। उन्होंने अहमदाबाद के इंडस यूनिवर्सिटी में स्थित वेस्टर्न इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स (WIIA) का भ्रमण किया था जहां उन्होंने पुराने बोइंग 737-200 विमान को नजदीक से देखा और उसके कॉकपिट में भी समय बिताया था।
कॉकपिट में बिताए गए पल
अप्रैल महीने में इंडस यूनिवर्सिटी के दौरे के दौरान श्री रूपाणी एक सेवामुक्त बोइंग 737-200 के कॉकपिट में नजर आए। खास बात यह रही कि वह पायलट की नहीं बल्कि सह-पायलट यानी दाएं हाथ की सीट पर बैठे थे। यह वह सीट होती है जहां आमतौर पर प्रथम अधिकारी यानी को-पायलट बैठता है। उनके साथ विमानन संस्थान की डीन राधिका भंडारी भी थीं जिनसे वह विमान के दरवाजे पर खड़े होकर बातें करते नजर आए। रूपाणी की ये तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रही हैं।
विमानन छात्रों से की बातचीत
विजय रूपाणी ने इस दौरे के दौरान इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट भी की थी जिसमें उन्होंने लिखा: "आज अहमदाबाद में इंडस यूनिवर्सिटी के परिसर के दौरे के दौरान मैंने वेस्टर्न इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स का दौरा किया। इस दौरान मैंने बोइंग 737, सेसना, जेनिथ और मिग-21 जैसे विमानों के मॉडल और असली विमान देखे।" उन्होंने आगे लिखा: "छात्रों के साथ बातचीत काफी प्रेरणादायक रही। मैं चाहता हूं कि भारतीय छात्र वैश्विक स्तर पर देश का नाम रोशन करें।"
विमान कैसे काम करता है, इसमें थी गहरी रुचि
विवि के एक संकाय सदस्य कैप्टन उमंग जानी ने बताया कि रूपाणी विमान के कार्यप्रणाली को लेकर काफी उत्सुक थे। उन्होंने बताया, "रूपाणीजी ने मुझसे पूछा कि विमान कैसे उड़ता है, कॉकपिट के नियंत्रण क्या करते हैं और एक एयरलाइनर किस तरह से संचालित होता है। मैंने उन्हें सब कुछ सरल भाषा में समझाया।" इससे साफ होता है कि पूर्व मुख्यमंत्री को न सिर्फ राजनीति में बल्कि तकनीकी और विज्ञान से भी काफी लगाव था।
लंदन की यात्रा कई बार टली
रूपाणी की लंदन यात्रा अचानक नहीं थी बल्कि उन्होंने पहले भी कई बार अपनी फ्लाइट बदली थी।
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सबसे पहले उन्होंने 19 मई को लंदन के लिए टिकट बुक किया था।
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फिर उस टिकट को रद्द कर 5 जून की उड़ान में सीट ली।
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बाद में इसे भी रद्द कर 12 जून को उड़ान भरने का निर्णय लिया।
उन्होंने यह यात्रा अपनी पत्नी और बेटी से मिलने के लिए तय की थी। उन्होंने फ्लाइट AI 171 में सीट नंबर 2D बुक की थी। दुर्भाग्यवश यही यात्रा उनकी अंतिम यात्रा बन गई।
दुर्घटना की भयावहता
12 जून को जब फ्लाइट AI 171 सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरी तो कुछ ही मिनटों में तकनीकी समस्या के कारण वह एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और कैंटीन से टकरा गई। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। हादसे में मौजूद 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से सिर्फ एक यात्री बच पाया। जमीन पर मौजूद 29 लोगों की भी मौत हुई।